पेपर लीक मामले में ED ने शुरू की छानबीन: प्रदेश के एक लाख शिक्षकों के दस्तावेजों की होगी जांच,

प्रदेश के एक लाख शिक्षकों के दस्तावेजों की होगी जांच,
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जयपुर। निजी विश्वविद्यालयों से फर्जी डिग्रियां जारी होने का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने पिछले पांच साल में नियुक्ति पाने वाले करीब एक लाख शिक्षकों के दस्तावेजों की फिर से जांच कराने का निर्णय किया है। सरकार ने तय किया है कि शिक्षकों की डिग्रियों की सत्यता जांचने के लिए सरकारी अधिकारियों की टीम विश्वविद्यालयों में जाकर भी रिकॉर्ड देखेगी।

हस्ताक्षरों की भी जांच होगी

माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने कहा कि वर्ष 2019 से अब तक नियुक्त हुए शिक्षकों के फार्म प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के स्तर पर निकलवाए जा रहे हैं। चयनित शिक्षकों द्वारा परीक्षा केंद्रों पर किए गए हस्ताक्षरों की भी जांच होगी। यह जांच तृतीय श्रेणी से उच्च माध्यमिक स्तर तक के शिक्षकों की होगी।

खबरों की मानें, तो ये जांच ग्रेड थर्ड से प्रिंसिपल स्तर तक नियुक्ति पाने वाले टीचर्स की हो रही है। सभी की डिग्री, मार्कशीट और अन्य कागजात की जांच शुरू हो गई है। ग्रेड थर्ड और सेकंड के टीचर्स के रिकॉर्ड की जांच जिला शिक्षा अधिकारी और उप निदेशक स्तर पर की जा रही है। वहीं लेक्चरर और हेड मास्टर स्तर के कैंडिडेट का रिकॉर्ड शिक्षा निदेशालय जांच रहा है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद पिछले आठ महीने में की गई जांच में यह सामने आया है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं। कहीं पेपर लीक हुए थे तो कहीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्तियां हुईं।

सबसे अधिक फर्जीवाड़ा तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की भर्ती में हुआ। पिछले दिनों राजस्थान एसओजी ने फर्जी डिग्रियां देने वाले दो निजी विश्वविद्यालयों के संचालकों को गिरफ्तार किया था। दोनों ने बड़े पैमाने पर पैसे लेकर फ

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