गोपाल रत्न पुरस्कार 2025: किसानों, तकनीशियनों और डेयरी कंपनियों को मिलेगा सम्मान, 15 सितंबर तक करें ऑनलाइन आवेदन

जयपुर। शहर से लेकर गाँवों तक देशी गाय-भैंस पालने वाले किसानों की मेहनत अब सिर्फ दूध उत्पादन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उन्हें लाखों रुपए का इनाम भी मिल सकेगा. केंद्र सरकार हर साल ‘गोपाल रत्न पुरस्कार’ प्रदान करती है. इस बार भी देशभर के किसानों, तकनीशियनों और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को इसमें हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा. कोई भी इच्छुक व्यक्ति 15 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर इस प्रतियोगिता में अपनी जगह सुनिश्चित कर सकता है.
देशी गाय-भैंस पालने वाले किसानों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार हर वर्ष ‘गोपाल रत्न पुरस्कार’ के माध्यम से डेयरी किसानों, कृत्रिम गर्भाधान करने वाले तकनीशियनों और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को सम्मानित करती है. इस साल भी आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इच्छुक व्यक्ति पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी मंत्रालय की वेबसाइट https://awards.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
यह किसान कर सकते है आवेदन
वे किसान, जो 53 प्रमाणित देशी गाय नस्लों या 20 प्रमाणित देशी भैंस नस्लों में से किसी एक का पालन करते हों. वे तकनीशियन, जिन्होंने कृत्रिम गर्भाधान का कम से कम 90 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो, अथवा वे सहकारी समितियाँ, दुग्ध उत्पादक कंपनियाँ, एमपीसी या एफपीओ, जो प्रतिदिन कम से कम 100 लीटर दूध का उत्पादन करती हों. जिनके कम से कम 50 किसान सदस्य हों वह सभी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.
5 लाख रुपये का मिलेगा इनाम, 26 नवम्बर को आयोजित होगा कार्यक्रम
प्रथम विजेता को 5 लाख रुपये, द्वितीय विजेता को 3 लाख रुपये और तृतीय विजेता को 2 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा. यह पुरस्कार 26 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में दिया जाएगा. इच्छुक किसान, तकनीशियन और दुग्ध उत्पादक कंपनियाँ भारत सरकार के पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी मंत्रालय की वेबसाइट https://awards.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 है.
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत के मुताबिक यह पुरस्कार राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत दिया जाएगा. इसका उद्देश्य देशी नस्ल की गायों और भैंसों का संरक्षण, उनकी उत्पादकता बढ़ाने और डेयरी क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना है.
