अब घर पर फीस लेकर मरीज नहीं देखेंगे प्राचार्य-अधीक्षक! मेडिकल कॉलेज-अटैच अस्पतालों की व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर अहम फैसला

जयपुर। प्राचार्य और अधीक्षक अब घर पर फीस लेकर मरीज नहीं देखेंगे...! मेडिकल कॉलेज-अटैच अस्पतालों की व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर अहम फैसला किया. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्राचार्य-अधीक्षक पद पर चयन और जिम्मेदारी की SOP तय हुई. राजमेस-सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कार्यकाल अधिकतम 5 साल निर्धारित है.
शुरुआती फेज में 3 साल के लिए मिलेगी नियुक्ति,जिसे आगे 2 साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा. मेडिकल कॉलेजों में जरूरत के हिसाब से तय मापदण्ड पूरे करने वाले चिकित्सक शिक्षक नहीं मिलेंगे. तो ऐसी स्थिति में केन्द्र अथवा अन्य राज्यों के मेडिकल कॉलेज के पात्र चिकित्सक शिक्षकों को मौका मिलेगा.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी साक्षात्कार के बाद पैनल बनाए,जिनमें से ही प्राचार्य बनाए जाएंगे. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य पद के लिए चयनित चिकित्सक शिक्षकों का दूसरे कॉलेज में भी तबादला हो सकेगा. प्राचार्य पद पर चयनित चिकित्सक को पीएमसी पद पर पूर्णकालिक कार्य करने का शपथ पत्र देना होगा, यानी ऐसे चिकित्सक घर पर सशुल्क फीस लेकर मरीज नहीं देख सकेंगे, NPA अनिवार्य होगा.
