फर्जी आधार कार्ड मामला, ईमित्र संचालक गिरफ्तार, पैसे देकर छात्रों से लेता था फिंगरप्रिंट और आई स्कैन

फर्जी आधार कार्ड मामला, ईमित्र संचालक गिरफ्तार, पैसे देकर छात्रों से लेता था फिंगरप्रिंट और आई स्कैन
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जालोर। राजस्थान के सांचौर जिले के चितलवाना पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले में कार्रवाई करते हुए नाबालिग स्कूली बच्चों के फिंगरप्रिंट लेकर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले आरोपी ईमित्र संचालक को गिरफ्तार किया है। दरअसल आरोपी ईमित्र संचालक नाबालिक छात्रों के साथ धोखाधड़ी कर बहला फुसलाकर नाबालिग छात्रों को 200 रुपये देकर फिंगरप्रिंट और आई स्कैन कर फर्जी आधार कार्ड बनाता था।

जिले चितलवाना पुलिस थाने में आरोपी सहित उसके साथियों के विरुद्ध नामजद मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने मामले में फरार आरोपी ईमित्र संचालक को मनोहरलाल बिश्नोई को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने अन्य साथियों के मिलकर सात नाबालिग स्कूली छात्रों के धोखाधड़ी कर बहला फुसलाकर फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट और आंखों का रेटिना स्कैन कर फर्जी आधार कार्ड बनाए गए थे। इस संबंध में मामला दर्ज हुआ। जिस पर पुलिस में आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच की।

पुलिस के अनुसार चितलवाना पुलिस थाने में 10 नवंबर 2023 को चितलवाना निवासी जालाराम और मानाराम ने रिपोर्ट पेश की। जिस पर आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर मामले में आरोपियों की तलाश शुरू की गई। मामले में अनुसंधान के बाद आरोपी मनोहरलाल बिश्नोई निवासी सेड़िया को गिरफ्तार किया गया।

सांचोर डीवाईएसपी ने बताया आरोपी मनोहरलाल बिश्नोई अपने साथियों के साथ मिलकर ऐसे फर्जी आधार कार्ड बनाते थे और आधार कार्ड की ओटीपी के आधार पर पैन कार्ड बनाते थे। इन पैन कार्ड और आधार कार्ड का प्रयोग करके फर्जी फर्म बनाकर और फर्जी क्रेडिट कार्ड बनाते थे, जिसके बाद उस फर्म के आधार पर फिर बैंक से लोन लेते थे। इस तरह से सरकार के साथ फ्रॉड करते हैं। जीएसटी चोरी करने में हो चाहे टैक्स चोरी करने में या फिर लोन नहीं चुकाने में। मामले में आरोपी मनोहरलाल गिरफ्तार किया है। मामले का मास्टर माइंड विकास बिश्नोई है। उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं।

चितलवाना थाने में नवंबर 2023 में यह मामला दर्ज हुआ है। जिसके बाद से फरार हो गया था। मामले में अन्य आरोपियों के संबंध में जानकारी जताकर गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है वही जिले के अन्य जगहों पर इस तरह के मामलों को लेकर लगातार जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अलग-अलग टीमें जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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