फर्जीवाड़े का शिकार: मटकी बेचने वाले को मिला 10.61 करोड़ का इनकम टैक्स नोटिस

बूंदी जिले में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मामूली मटकी बेचने वाले गरीब कुम्हार को आयकर विभाग ने 10 करोड़ 61 लाख 83 हजार रुपये का नोटिस थमा दिया। यह खबर इलाके में तेजी से चर्चा का विषय बन चुकी है और हर कोई जानना चाहता है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ।बूंदी के झालाजी का बराना गांव निवासी विष्णु कुमार प्रजापति पेशे से कुम्हार हैं, जो दिनभर मटकियां बनाकर और बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। विष्णु की मासिक आमदनी लगभग 10 हजार रुपये है। मगर 11 मार्च को उन्हें आयकर विभाग से जो नोटिस मिला, उसने उनकी जिंदगी में तूफान ला दिया।नोटिस के मुताबिक वर्ष 2020-21 में विष्णु ने एक व्यक्ति सुरेंद्र सिंह बाबेल के साथ 10.61 करोड़ रुपये का लेनदेन किया था। विष्णु का कहना है कि वह इस नाम के किसी भी व्यक्ति को जानते तक नहीं हैं। इस नोटिस के बाद से विष्णु और उनका पूरा परिवार तनाव में है। उन्होंने इसे जिंदगी का सबसे बड़ा मजाक बताया।
फर्जी फर्म, असली मुसीबत
पूरे मामले की तह तक जाने पर सामने आया कि 19 मार्च 2020 को गिरगांव, महाराष्ट्र में 'भूमिका ट्रेडिंग' नाम से एकल फर्म का जीएसटी रजिस्ट्रेशन हुआ। इस फर्म के रजिस्ट्रेशन में विष्णु के आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। विष्णु का दावा है कि उन्होंने न तो किसी फर्म की स्थापना की और न ही इतना बड़ा कोई कारोबार किया।
दरअसल, किसी अज्ञात व्यक्ति ने विष्णु के नाम और दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हुए फर्जी फर्म बना दी और उनके नाम पर करोड़ों का लेनदेन कर डाला। यही नहीं, इसी फर्जीवाड़े के आधार पर आयकर विभाग ने विष्णु को नोटिस जारी कर दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए विष्णु ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई है। हेड कांस्टेबल मुकेंद्र पाल सिंह ने जानकारी दी कि युवक द्वारा दी गई परिवाद की जांच की जा रही है। अब तक की जांच में यह साफ हुआ है कि विष्णु के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्म बनाई गई और उससे करीब 18 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया।इसके आधार पर आयकर विभाग ने विष्णु को 10.50 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। पुलिस का कहना है कि मामले में गहराई से जांच की जा रही है। पीड़ित को राहत दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय थाने को भी पूरे घटनाक्रम से अवगत करवा दिया गया है।