सूदखोरों ने छीन ली सांसें: सरकारी अधिकारी ने कहा 'मैं थक गया हूं', फिर खुद दी जान

झुंझुनूं। चूरू बाईपास स्थित बीरबल मार्केट के बेसमेंट में रविवार को एक दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई। महिला अधिकारिता विभाग में सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) सुरेश सैन (54) ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
पुलिस को मौके से चार पन्नों का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने सात लोगों पर सूदखोरी और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। सुरेश ने लिखा कि उन्होंने इन लोगों से लिया गया कर्ज चुका दिया, लेकिन सूदखोरों ने ब्याज पर ब्याज जोड़कर करोड़ों रुपए की मांग जारी रखी और लगातार धमकियां दीं। उनकी दुकान की रजिस्ट्री, जिसे उन्होंने गिरवी रखी थी, कर्ज चुकाने के बावजूद वापस नहीं की गई।
सुसाइड नोट में सुरेश ने लिखा,
"मैं थक गया हूं। मैंने सब कुछ लौटा दिया, लेकिन ये सूदखोर मुझे चैन से जीने नहीं दे रहे।" उन्होंने अपने परिवार से माफी भी मांगी।
पुलिस के अनुसार, सुरेश शनिवार शाम 5 बजे घर से निकले और उनका फोन बंद हो गया। परिजनों ने रातभर उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। रविवार सुबह उनके जीजा महेंद्र कुमार बीरबल मार्केट पहुंचे, जहां बेसमेंट का दरवाजा अंदर से बंद था। अंदर झांकने पर सुरेश फांसी के फंदे पर लटके मिले।
यह घटना सूदखोरी और मानसिक प्रताड़ना की जघन्य तस्वीर पेश करती है और एक बार फिर सवाल उठाती है कि कर्ज के जाल में फंसे लोग कितनी यातनाओं से गुजरते हैं।
