हरी सब्जियों की बंपर पैदावार, पशुओं को खिलाने पर मजबूर हुए किसान

हरी सब्जियों की बंपर पैदावार, पशुओं को खिलाने पर मजबूर हुए किसान

पाली। देसूरी क्षेत्र में उत्पादित हो रही हरी सब्जियों के खरीदार नहीं मिलने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। यहां किसानों ने कमरतोड़ मेहनत कर सब्जियां उगाई, लेकिन वर्तमान में सब्जियों की खपत कम होने के कारण खरीदार नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में किसानों को हरी सब्जियों को पशुओं को खिलानी पड़ रही है। इससे काफी नुकसान हो रहा है। आचार संहिता हटने के बाद सरकार को देसूरी में कृषि व सब्जी मंडी बनाकर किसानों की सुध लेनी चाहिए।

किसानों ने अपनी आजीविका चलाने कर्ज लेकर अपने खेतों में हरी सब्जियों बोई। खेतों में टिंडसी, भिंड़ी, काचरा, तर काकड़ी, ग्वारफली इत्यादि सब्जी की बंपर पैदावार हो रही है। सरकारी मंडी के अभाव में किसानों को सब्जी स्थानीय व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है। ऐसे में सब्जी के वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं। किसानों ने बताया कि इसके पीछे बिचौलियों का कहना है कि हरी सब्जी की अन्य जगहों पर डिमांड नहीं चल रही है। सब्जी की बिक्री नहीं हो पाती है। अधिकांश सब्जियों के भाव कम मिल रहे हैं। इससे किसानों को वाजिब दाम नहीं मिल पाता। जिस सब्जी की बिक्री नहीं होती, उसको किसान पशुओं को डाल रहे हैं। ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

देसूरी क्षेत्र कृषि प्रधान है। अधिकांश परिवार खेती किसानी से जुड़े हैं। किसान अपने उत्पाद बेचने को चिंतित हैं, मंडी की मांग वाजिब है। देसूरी में कृषि व सब्जी मंडी बननी चाहिए। इससे किसानों को फायदा मिल सके। पंचायत समिति की साधारण सभा में प्रस्ताव लिया जा चुका है।

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