राज्य परियोजना निदेशक ने किया निरीक्षण

राज्य परियोजना निदेशक ने किया निरीक्षण
X

राजसमंद (राव दिलीप सिंह) मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रदेश व्यापी विशेष निरीक्षण और जागरूकता अभियान के तहत जिले में राज्य परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डॉ तरूण चौधरी, सीएमएचओ डॉ हेमन्त बिन्दल, आरसीएचओ डॉ सुरेश मीणा, डिप्टी सीएमएचओ एवं सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एनएचएम के खंड कार्यक्रम अधिकारीयों ने जिले के राजकीय चिकित्सा संस्थानो पर निरीक्षण कर वहां दी गर्भवती महिलाओं को दी जा रही सेवाओं का अवलोकन किया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

राज्य परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डॉ तरूण चौधरी ने जिले के आंकाक्षी ब्लॅाक भीम के पीएचसी जस्साखेड़ा, उपजिला चिकित्सालय भीम, पीएचसी बरार, पीएचसी बग्गड़ के साथ ही ब्लॉक देवगढ़ की सीएचसी देवगढ़, पीएचसी ताल व लसानी का निरीक्षण किया। सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राजनगर एवं सिटी डिस्पेसंरी, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने देलवाड़ा ब्लॉक की आकोदड़ा पीएचसी एवं रेलमगरा ब्लॉक की पीएचसी बनेड़ीया का निरीक्षण किया।

बीसीएमओ देलवाड़ा डॉ नरेन्द्र यादव ने सीएचसी देलवाड़ा, बीसीएमओ खमनोर डॉ दीपक कुमार ने पीएचसी बड़ा भाणुजा, बीसीएमओ कुम्भलगढ़ डॉ मस्तराम मीणा ने सीएचसी केलवाड़ा, पीएचसी मजेरा व समीचा, बीसीएमओ भीम डॉ प्रवीण कुमार सैनी ने पीएचसी जस्साखेड़ा व सीएचसी भीम, बीसीएमओ रेलमगरा ने सीएचसी रेलमगरा, बीसीएमओ आमेट डॉ सरीन कुमार ने पीएचसी गलवा व सरदारगढ़ का निरीक्षण कर दी जा रही सेवाओं का अवलोकन किया तथा गर्भवती महिलाओं से संस्थान पर दी जा रही सेवाओं को लेकर फिडबैक लिया।

अभियान को लेकर राज्य परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डॉ तरूण चौधरी ने बताया कि स्वस्थ मां और शिशु के लिये आवश्यक है की गर्भवती महिला की गर्भावस्था के दौरान कम से कम एक बार डॉक्टर द्वारा परीक्षण एवं जांच की जाए, इसके लिये प्रदेश में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो, उपजिला चिकित्सालयो एवं जिला चिकित्सालयो में प्रत्येक माह की 9,18,27 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान आयोजित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक गर्भवती महिला खास है और हर गर्भवती महिला को विशेष देखभाल मिलनी चाहिये इसी ध्येय को लेकर चिकित्सा संस्थान पर चिकित्सा अधिकारीयों के माध्यम से गर्भकाल में एक बार गर्भवती महिला की स्वास्थ्य जांच की जा रही है जिससे प्रसव की दृष्टी से उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा सके तथा समय रहते सुनियोजित तरीके से प्रसव का प्रबंधन किया जा सके जिससे मां और शिशु बिल्कुल स्वस्थ हो।

उन्होंने बताया की अभियान के तहत सभी निरीक्षित चिकित्सा संस्थानो पर बड़ी संख्या में गर्भवती महिलायें थी और उत्साह के साथ स्वास्थ्य सेवायें ले रही है यह एक सकारात्मक पहलू है। सभी निरीक्षणकर्ता अधिकारीयों को अभियान को लेकर विशेष चैक लिस्ट उपलब्ध करवाई गई जिसमें भरी गई सूचनाओं को राज्य स्तर पर समेकित कर विश्लेषण किया जायेगा।

Next Story