एक शाम बैराठ माता नाम भक्ति संध्या में उमड़ा जनसैलाब, झूमे श्रद्धालु
राजसमंद। समीपवर्ती उसरवास गांव के चौराहे पर बिराजित श्री बैराट माता मंदिर के प्रतिष्ठा महोत्सव की दूसरी वर्ष गांठ के उपलक्ष्य में ज्येष्ठ मास की नवमी पर आयोजित रात्रि जागरण में श्रद्धालुओं का ज्वार उमड़ पड़ा। शनिवार अल सुबह मंगल वैला में ढोल, नंगाड़ा, मृदंग की धून व जयकारों के बिच मंदिर पर ध्वजा चढ़ाई गई। इस अवसर पर बैराट माता की प्रतिमा को पूजारी इंद्रलाल बारेठ, कल्पेश बारेठ आदि उपासकों द्वारा फूलों का आकर्षक शृंगार धराया गया। माता के दर्शनों के लिए पहुंचे जातरूओं का क्रम शाम ढलने के साथ शुरू हुआ जो अल सुबह तक जारी रहा। रात ठीक सवा 2 बजे महा आरती की गई।
इससे पहले देर रात्रि तक आयोजित भक्ति संध्या में भक्ति भावपूर्ण भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। जिस पर महिला-पुरूष श्रद्धालुओं ने जमकर भाव नृत्य किए। इस दौरान महिलाओं ने भी मंगल गीत गाए। श्रद्धालु माता की जयघोष के साथ नाचते झूमते मंदिर पहुंचे और माता के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की मन्नत मांगी। मुख्य उपासक (भोपाजी) इन्दरलाल बारेठ के सानिध्य में बैराट माता मंदिर परिसर में आयोजित भक्ति संध्या में देर रात्रि तक कलाकारों ने एक से बढक़र एक प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। अद्र्ध रात्रि कालीन में हुई महा आरती में भक्तों ने जयकारों व गीतों के संगान के साथ माताजी का आह्वान किया एवं तन्मयता से भक्ति भाव प्रकट किया।
भक्ति संध्या में तबला, ढोलक वादक एवं साज साउंड से संबंधित कलाकार सत्यनारायण एण्ड पार्टी चिकारड़ा के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं का मन जीतने के साथ भजनों पर झूमनें पर मजबूर कर लिया। महा आरती पश्चात देवी उपासक प्रतिनिधि के रूप में भोपाजी इंदरलाल बारेठ, सोहनसिंह, देवी सिंह आशीर्वाद प्रदान करते हुए श्रद्धालुओं के मध्य फूल पत्तियों, गौमूत्र का छिडकाव करते पधारें एवं उत्साह के साथ भक्तों को आशीर्वाद देते हुए आनंदित कर देने से माहौल भक्तिमय हो उठा। इस दौरान कल्पेश बारेठ, यशवंत बारेठ, पीयूष सुथार, देवीलाल गाडरी, सुरेश भाट, अर्जुन पालीवाल, राहुल आचार्य, किशन कुमावत, सुजल सुथार, अर्जुन कुमावत, नारायण लाल, नंदलाल कुमावत, बजरंग रजक, परसराम बारेठ सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। इस अवसर पर संपूर्ण मंदिर परिसर को आकर्षक दूधियां रोशनी व फूलों से सजाया तथा देवी प्रतिमाओं को विशेष शृंगार धराया गया। इस अवसर पर आयोजित महाप्रसादी में हजारों श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
भजनों की भक्तिमय प्रस्तुतियों पर झूमें श्रद्धालु
भजन गायक सत्यनारायण ने गणपति वंदना एवं गुरु वंदना से भक्ति संध्या का आगाज किया। उसके बाद उन्होंने चौसठ जोगण्यां ए म्हारा मंदरियें रमझा... ठूमक-ठूमक कर चले भवानी ले हाथा तलवार भवानी म्हारी जोगणियां..., म्हारा सर पर है माताजी रो हाथ तो दुनिया म्हारो काई करसी..., दर्शन दैदो चामुण्डा म्हाने थारों शेेर आवें..., आगे-आगे हजूरियां चाल्हे पाछे माता राणी..., जागण की है रात माताजी आज थाने आनो है..., माताजी कटे सूता ओ सूख भर निंद जागण में वैगा आवज्यों...., ओ मेहन्दी सोजत सू मंगवाइयों मेहीन्दी राचणी...., ढोल नगाड़ा बाजा करे माताजी रा भोपा नाचा करें...., उसरवास नगर में मंदिर बनाया बाग लगाया झूमें माताजी...आदि एक से एक बढक़र भजनों की प्रस्तुति देकर भक्तों को नाचने पर मजबूर कर दिया। श्रद्धालु हर भजन पर झूमने लगे एवं देर रात्रि तक भक्ति संध्या का आनंद उठाया। विशेष कलाकारों द्वारा अनेक मनमोहन झाँकियां प्रस्तुत की गई।