औद्योगिक भूखंडों की ई-नीलामी को लेकर हुई बैठक, भूखंड लेने के बाद निर्माण अनिवार्य

राजसमंद (राव दिलीप सिंह परिहार) रीको के बग्गड़ और धोइन्दा क्षेत्र में औद्योगिक भूखंडों की नीलामी प्रक्रिया की समीक्षा को लेकर मंगलवार शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर श्री बालमुकुंद असावा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई।

राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक श्री राधा किशन गुप्ता ने जानकारी दी कि राजसमंद के ढोइन्दा औद्योगिक क्षेत्र में कुल 4 वाणिज्यिक भूखंड नीलामी के लिए प्रस्तावित हैं, जिनका क्षेत्रफल 378 वर्ग मीटर से 2959 वर्ग मीटर तक है। इनमें से एक भूखंड, जिसकी माप 2917 वर्ग मीटर है, सीएनजी स्टेशन के लिए आरक्षित किया गया है। इन भूखंडों की बीड प्रारंभिक दर 16,000 से 18,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है।

इसके अतिरिक्त, 1 इंस्टीट्यूशनल भूखंड (माप 13,386 वर्ग मीटर) जिसकी प्रारंभिक दर 3,200 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, तथा 1 धर्म कांटा भूखंड (माप 544 वर्ग मीटर) जिसकी प्रारंभिक दर 15,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, भी नीलामी के लिए उपलब्ध हैं।

इसी प्रकार बगड़ औद्योगिक क्षेत्र में 3 वाणिज्यिक भूखंड (माप 1,522 से 3,043 वर्ग मीटर) की बीड प्रारंभिक दर 9,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय की गई है। इनमें से एक भूखंड (3,043 वर्ग मीटर) रिटेल फ्यूल फिलिंग स्टेशन के लिए आरक्षित है। इसके अलावा, एक हॉस्पिटल/इंस्टीट्यूशनल भूखंड (माप 18,737.61 वर्ग मीटर) जिसकी प्रारंभिक दर 5,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, भी नीलामी में सम्मिलित है।

श्री गुप्ता ने बताया कि ई-नीलामी प्रक्रिया 26 मई 2025 से प्रारंभ हो चुकी है। इसमें भाग लेने के लिए उद्यमियों को रीको की वेबसाइट www.riico.co.in पर 26.05.2025 को सुबह 10 बजे से 10.06.2025 को शाम 6 बजे तक पंजीयन एवं अमानत राशि का ऑनलाइन भुगतान करना होगा।

रजिस्टर्ड उद्यमी 11.06.2025 प्रातः 10 बजे से 13.06.2025 शाम 5 बजे तक ई-नीलामी में भाग ले सकेंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि इस बार नीलामी प्रक्रिया के नियमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। भूखंड आवंटन के दो वर्षों के भीतर संबंधित इकाई को उत्पादन शुरू करना अनिवार्य होगा, जिसमें न्यूनतम 30 प्रतिशत भूखंड क्षेत्रफल में निर्माण किया जाना चाहिए। आवेदक रिक्त भूखंड को नहीं बेच सकेंगे तथा केवल उत्पादन प्रारंभ करने के 5 वर्षों के बाद ही उसका विक्रय कर सकेंगे। अधिकांश अनुमतियां रीको द्वारा स्वचालित प्रणाली से जारी की जाएंगी।

अब निर्माण हर हाल में अनिवार्य:

श्री गुप्ता ने बताया कि रीको के ई ऑक्शन के अलावा प्रत्यक्ष आवंटन पॉलिसी (ई लॉटरी) के बारे में भी विस्तार से बताया। रीको के नियमों में नवीन परिवर्तनों की जानकारी देते हुए बताया कि खाली प्लॉट कोई बेच नहीं सकेगा। कम से कम 30 प्रतिशत निर्माण अनिवार्य होगा। नियम इस तरह बनाए गए हैं कि भूखंड लेने के बाद निर्माण हर हाल में करना ही होगा।

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