नाथद्वारा में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता शिविर

नाथद्वारा में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता शिविर
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नाथद्वारा (राजसमन्द)। राजसमन्द जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के राघवेन्द्र काछवाल (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) और तालुका विधिक सेवा समिति, नाथद्वारा के अध्यक्ष प्रवीण कुमार मिश्रा (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) के मार्गदर्शन में, विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर तालुका विधिक सेवा समिति नाथद्वारा के पैरालीगल वाॅलेन्टियर भेरूलाल परमार ने कई जगहों पर विधिक जागरूकता शिविर लगाए।

इन शिविरों में, पैरालीगल वाॅलेन्टियर भेरूलाल परमार ने लोगों को बताया कि यह दिन बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद बाल श्रम को खत्म करने के लिए दुनिया भर में किए जा रहे प्रयासों को बढ़ावा देना है।

परमार ने आगे कहा कि बाल श्रम बच्चों का बचपन छीन लेता है और उनके भविष्य को भी खतरे में डाल देता है। उन्होंने बताया कि भारत में बाल श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का काम करवाना गैरकानूनी है। इसके अलावा, 14 से 18 साल के किशोरों को भी खतरनाक कामों में लगाना कानूनन अपराध है। अगर कोई इस कानून का उल्लंघन करता है, तो उसे कड़ी सजा और जुर्माना हो सकता है।

पैरालीगल वालंटियर ने यह भी बताया कि अगर किसी को बाल श्रम के बारे में पता चलता है, तो वह तुरंत 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन) या स्थानीय पुलिस को जानकारी दे सकता है। इस मौके पर बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और सुरक्षा से जुड़े पर्चे भी बांटे गए।

भेरूलाल परमार ने कहा, "हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चे को शिक्षा मिले और वह सुरक्षित रहे। बाल श्रम को खत्म करने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा।"

यह शिविर लोगों को बाल श्रम के खिलाफ जागरूक करने और उन्हें बच्चों के अधिकारों के बारे में जानकारी देने में बहुत मददगार साबित हुआ।

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