आदिवासी परिवार ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार, पुत्र की हत्या का आरोप

आदिवासी परिवार ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार, पुत्र की हत्या का आरोप
X

राजसमंद (राहुल आचार्य) राजसमंद जिले के चारभुजा थाना क्षेत्र के दुधतलाई गांव से एक आदिवासी परिवार न्याय की गुहार लेकर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा है। धरमा राम, जो भैरा राम के पुत्र हैं, ने एक शिकायत पत्र सौंपा है जिसमें उन्होंने अपने बेटे भीमाराम की कथित हत्या के मामले में न्याय की मांग की है।

धरमा राम और चारभुजा के आदिवासी समुदाय ने मिलकर एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें धरमा राम ने अपनी पुत्रवधू प्रेमा समेत पांच लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इन लोगों ने मिलकर साजिश रची और उनके बेटे की हत्या कर दी।

धरमा राम ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे भीमाराम की शादी लगभग 4 साल पहले प्रेमा से की थी, जो नारायण गमेती की बेटी है और चाट का गुडा, तहसील भीम, जिला राजसमंद की रहने वाली है। शादी के बाद, उनके घर एक बेटा हुआ, जिसका नाम सुनील है और वह लगभग 1.5 साल का है। सुनील अभी प्रेमा के साथ है।

धरमा राम के अनुसार, 13 मई 2025 को उनका बेटा भीमाराम अपनी पत्नी के 'गोलविटी' कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ससुराल चाट का गुडा गया था। उस समय वह पूरी तरह से स्वस्थ और खुश था।

धरमा राम का आरोप है कि 24 मई 2025 की रात लगभग 9 बजे, प्रभु राम ने उन्हें फोन किया और बताया कि उनका बेटा बीमार है और उन्हें महाराणा भूपाल चिकित्सालय, उदयपुर आने के लिए कहा। जब धरमा राम और उनका परिवार उदयपुर पहुंचा, तो उन्हें पता चला कि उनका बेटा वहां भर्ती नहीं है। उन्होंने प्रभु राम को कई बार फोन किया, लेकिन या तो फोन बंद आया या उसने जवाब नहीं दिया। परेशान होकर वे वापस घर लौट गए।

अगले दिन, 25 मई 2025 को, जब धरमा राम अपने बेटे का पता न लगने पर पुलिस थाना चारभुजा में रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहे थे, तो उन्हें थाने के बाहर मदनलाल नामक व्यक्ति मिला, जिसने उन्हें रिपोर्ट दर्ज न कराने को कहा। थोड़ी देर बाद, प्रेमा और उसका मामा प्रभुराम और 4-5 अन्य व्यक्ति उनके बेटे की मृत देह लेकर आए और बताया कि भीमाराम की मृत्यु हो गई है। धरमा राम यह सुनकर बेहोश हो गए। आरोपियों ने पूरी घटना की कोई जानकारी नहीं दी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चारभुजा के बाहर शव छोड़कर चले गए।

धरमा राम ने बताया कि उनके बेटे की देह बुरी तरह से दुर्गंध मार रही थी, और परिवार वालों ने बड़ी मुश्किल से उसका दाह संस्कार किया। उन्हें पूरा संदेह है कि उनके बेटे की पत्नी प्रेमा, उसका मामा प्रभुराम और प्रेमा के माता-पिता ने षडयंत्रपूर्वक मिलकर उनके बेटे की हत्या की है। उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि उनका पौत्र सुनील भी प्रेमा के पास सुरक्षित नहीं है और उसके साथ भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है।

धरमा राम ने बताया कि बाद में उन्हें व्यक्तिगत प्रयासों से जानकारी मिली कि उनके बेटे को उसकी पत्नी प्रेमा और मामा प्रभुराम द्वारा डूंगरपुर जिले के साबला में मजदूरी करने के बहाने ले जाया गया था, जहां उसे कोई विषाक्त पदार्थ खिलाकर मार दिया गया। इस षडयंत्र में उनके बेटे की सास और ससुर का भी पूरा सहयोग होने का अंदेशा है।

सबसे गंभीर आरोप यह है कि पुलिस थाना साबला, जिला डूंगरपुर ने कानून के विरुद्ध जाकर, धरमा राम को बिना जानकारी दिए, बिना पोस्टमार्टम कराए, 24 मई 2025 को ही उनके बेटे के शव को अभियुक्त संख्या 1 (प्रेमा) और अभियुक्त संख्या 2 (प्रभुराम) से एक मनगढ़ंत रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करवाकर सौंप दिया।

धरमा राम ने बताया कि उन्होंने 31 मई 2025 को भी पुलिस अधीक्षक को एक टाइपशुदा रिपोर्ट पेश की थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे क्षुब्ध होकर समस्त आदिवासी समाज चारभुजा द्वारा यह ज्ञापन पेश किया जा रहा है।

धरमा राम ने पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया है कि अभियुक्तगणों के विरुद्ध उनके पुत्र की हत्या का प्रकरण दर्ज कर उन्हें तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार करने का आदेश प्रदान करें ताकि उन्हें न्याय मिल सके।

Tags

Next Story