पीटीआई भर्ती घोटाला: बगैर पढ़ाई और परीक्षा के सीधे नौकरी पर; एसओजी ने 21 फर्जी अभ्यर्थियों पर कसा शिकंजा

राजस्थान में फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर भर्ती परीक्षा-2022 को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की जांच में खुलासा हुआ है कि 21 अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्रियों के आधार पर सरकारी नौकरी हथिया ली। इस घोटाले में निजी विश्वविद्यालयों, दलालों और उम्मीदवारों की मिलीभगत उजागर हुई है।
जांच के अनुसार इन अभ्यर्थियों ने स्नातक किए बिना ही बीपीएड की डिग्रियां हासिल कर लीं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश के अरनी विश्वविद्यालय से स्नातक और उत्तरप्रदेश के जेएस विश्वविद्यालय, शिकोहाबाद से बीपीएड की फर्जी डिग्रियां लीं। SOG की पड़ताल में सामने आया कि अरनी विश्वविद्यालय की रिकॉर्ड लिस्ट में इन उम्मीदवारों के नाम ही दर्ज नहीं हैं, वहीं जेएस विश्वविद्यालय की मार्कशीट में भी गंभीर गड़बड़ियां पाई गईं।
एफआईआर जिन 21 अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज हुई है, वे चूरू, भरतपुर, जयपुर, करौली, झुंझुनू, नागौर, दौसा, सवाई माधोपुर और जालौर जिलों से हैं। इनमें से कुछ के खिलाफ पहले से भी मामले दर्ज हैं। एक उम्मीदवार कमला कुमारी के खिलाफ सांगानेर थाने में पहले से केस लंबित है। एसओजी को संदेह है कि कुछ ने परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाकर पेपर पास किया था।
घोटाले की जड़ें जेएस विश्वविद्यालय से जुड़ी हैं, जहां से बैक डेट में भारी मात्रा में फर्जी डिग्रियां तैयार कर अभ्यर्थियों को बेची गईं। एसओजी ने विश्वविद्यालय के चांसलर, रजिस्ट्रार और एक दलाल को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन्होंने लाखों रुपए लेकर 245 से अधिक फर्जी डिग्रियां जारी कीं। जांच में यह भी पता चला कि कुल 2067 अभ्यर्थियों ने विश्वविद्यालय से बीपीएड की डिग्री ली थी, जो सीटों की तय संख्या से कई गुना अधिक है।