पशुपालकों के लिए खुशखबरी: सरकार पशुओं के लिए दे रही 40 हजार का मुफ्त बीमा

राजसमंद( राव दिलीप सिंह परिहार)मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में प्रदेश के पशुपालकों के कल्याण के लिए राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की है, जिसके तहत राज्य में 21 लाख पशुओं का निःशुल्क बीमा किया जा रहा है। इस योजना में गाय, भैंस, बकरी, भेड़ तथा ऊंट को बीमा सुरक्षा प्रदान की जा रही है। योजना के आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी है। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने पशुपालकों से इस मुफ्त बीमा योजना में अपने पशु का पंजीयन अवश्य करने की अपील की है।

उप निदेशक डॉ पुरुषोत्तम पतकी ने बताया कि इस योजना के तहत गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक, लखपति दीदी योजना लाभार्थी तथा लॉटरी द्वारा चयनित जन आधार कार्ड धारक पशुपालकों को लाभ मिलेगा। चयनित पशुपालकों को अधिकतम 2 दुधारू पशु (गाय, भैंस अथवा दोनों) अथवा 10 बकरी अथवा 10 भेड़ अथवा 1 ऊंट का निःशुल्क बीमा प्रदान किया जाएगा।

पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज पशुपालक का जन आधार कार्ड, आवेदक पशुपालक एवं पशु के साथ फोटो, जाति प्रमाण पत्र, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, गोपाल कार्ड / लखपति दीदी कार्ड (यदि उपलब्ध हो), पशुओं के टैग नंबर आदि आवश्यक हैं।

पशुपालक मोबाइल एप (MMPBY) एवं वेबपोर्टल (mmpby.rajasthan.gov.in) अथवा ई-मित्र केंद्रों के माध्यम से 31 जनवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। पशुपालकों का चयन लॉटरी प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा, जिसमें गोपाल क्रेडिट कार्ड धारकों और लखपति दीदी योजना लाभार्थियों को प्राथमिकता मिलेगी।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग को क्रमशः 16% एवं 12% आरक्षण का प्रावधान है। बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य है। बीमा अवधि एक वर्ष की होगी और इसके लिए पशुपालक को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।

बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन के आधार पर होगा, अधिकतम सीमा ₹40,000 होगी।

पात्रता के लिए पशु की उम्र गाय के लिए 3 से 12 वर्ष, भैंस के लिए 4 से 12 वर्ष, बकरी तथा भेड़ के लिए 1 से 6 वर्ष, ऊंट के लिए 2 से 15 वर्ष है। यदि बीमित पशु किसी अन्य योजना के तहत पहले से बीमित है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

बीमित पशु की मृत्यु की सूचना पशुपालक को शीघ्र बीमा विभाग को देनी होगी। पशु चिकित्सक द्वारा पोस्टमार्टम परीक्षण कर निर्धारित सॉफ्टवेयर/ऐप में इन्द्राज किया जाएगा। विभाग 21 कार्य दिवसों के भीतर दावा राशि का भुगतान करेगा।

दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा, जहरीला घास खाने, सर्पदंश आदि के कारण मृत्यु पर बीमा दावा किया जा सकता है। दुर्घटना को छोड़कर पॉलिसी जारी होने के बाद 21 दिनों के ग्रेस पीरियड के पश्चात ही दावा मान्य होगा। यदि बीमित पशु का टैग गुम हो जाता है तो 1 दिन के भीतर पुनः टैगिंग करवाई जाएगी।

पशुपालक द्वारा पशु की बिक्री या उपहार दिए जाने पर बीमा समाप्त हो जाएगा। योजना का क्रियान्वयन राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जाएगा, जिसमें पशुपालन विभाग नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।

प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर बीमा कार्यक्रम की सूचना एसएमएस या अन्य माध्यमों से दी जाएगी। बीमा पॉलिसी की जानकारी पशुपालकों को मोबाइल पर एसएमएस लिंक के माध्यम से प्राप्त होगी। योजना की विस्तृत जानकारी पशुपालन विभाग की वेबसाइट www.animalhusbandry.rajasthan.gov.in तथा राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग की वेबसाइट sipf.rajasthan.gov.in से प्राप्त की जा सकती है।

जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने पशुपालकों से आग्रह किया है कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और अपने पशुओं को सुरक्षित करें।

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