7 वर्षीय मासूम की मौत, झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही पर ग्रामीणों में रोष
राजसमंद भीम/जस्साखेड़ा (राहुल आचार्य)। ग्राम पंचायत जस्साखेड़ा में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने 7 वर्षीय मासूम की जान ले ली। वायरल बुखार से पीड़ित बच्चे को इलाज के लिए परिजन एक निजी क्लीनिक लेकर पहुंचे, जहां कथित प्राइवेट चिकित्सक ने इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही बच्चे की तबीयत बिगड़ गई और कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया।
घटना के बाद परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गए और क्लीनिक पर हंगामा करते हुए आरोपी झोलाछाप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। मौके पर पहुंचे एसडीएम विकास शर्मा, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। बीसीएमएचओ डॉ. सैनी के निर्देश पर स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने क्लीनिक को सील करवा दिया।
परिजनों का आरोप — बिना जांच हाई डोज इंजेक्शन दिया
परिजनों का आरोप है कि बच्चे को बिना किसी जांच के हाई डोज इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगाते ही बच्चे को खून की उल्टियां आने लगीं। डॉक्टर ने दूसरा इंजेक्शन भी लगा दिया, जिसके बाद हालत और बिगड़ी। परिजन बच्चे को उप जिला अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही मासूम ने दम तोड़ दिया।
लोगों का सवाल — झोलाछाप पर कार्रवाई क्यों नहीं होती?
ग्रामीणों व परिजनों का कहना है कि गांवों में खुलेआम झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकान चला रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग लापरवाही बरत रहा है। कई बार शिकायतों के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं होती, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को जान देकर चुकाना पड़ता है।
