राजसमंद में 2 से 17 जनवरी तक ‘किसान अधिकार पंजीकरण पखवाड़ा’ आयोजित

राजसमंद । जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा के नेतृत्व में जिले में फार्मर रजिस्ट्री के अंतर्गत शत-प्रतिशत किसानों का पंजीकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पहल करते हुए 2 जनवरी से 17 जनवरी 2026 तक ‘किसान अधिकार पंजीकरण पखवाड़ा’ आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा के निर्देशन में जिले के प्रत्येक राजस्व ग्राम में विशेष पंजीकरण कैंप लगाए जाएंगे।
जिला कलक्टर ने अभियान के सफल क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं जिसके पश्चात समस्त उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, आईएलआर और पटवारी आदि ने तैयारियां शुरू कर दी है।
इन विशेष कैंपों का आयोजन प्रतिदिन सायं 4 बजे से 8 बजे तक किया जाएगा, जिसमें किसान उपस्थित होकर अपनी फार्मर रजिस्ट्री करवा सकेंगे। पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात किसान पीएम किसान सम्मान निधि सहित केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न कृषक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
जिला प्रशासन द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वे निर्धारित समय पर अपने नजदीकी कैंप में आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपस्थित होकर फार्मर रजिस्ट्री पंजीकरण अवश्य करवाएं, ताकि योजनाओं का लाभ सीधे एवं पारदर्शी रूप से मिल सके।
फार्मर आईडी से विभिन्न योजनाओं का मिलेगा सुगम लाभ:
फार्मर रजिस्ट्री के माध्यम से किसानों को 11 अंकों की एक यूनिक डिजिटल पहचान उपलब्ध कराई जा रही है, जिसे किसान आईडी कहा जाता है। इस डिजिटल पहचान में किसान के जनसांख्यिकीय विवरण, स्वामित्व वाली भूमि तथा बोई गई फसलों से संबंधित समग्र एवं उपयोगी जानकारी दर्ज रहती है, जिससे किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का सीधा और पारदर्शी लाभ सुनिश्चित किया जा सके।
फार्मर रजिस्ट्री का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकार की कृषक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बिचौलिये के किसानों तक पहुंचाना है। इसके माध्यम से पीएम किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल ऋण, फसल बीमा, एमएसपी आधारित खरीद, कृषि अनुदान योजनाएं तथा आपदा मुआवजा जैसी योजनाओं का लाभ प्राप्त करना आसान होगा। एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत प्रत्येक राज्य में फार्मर रजिस्ट्री तैयार की जा रही है और राजस्थान में यह किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है।
हर किसान इस योजना में है पात्र:
राज्य के सभी प्रकार के किसान—सीमांत, लघु एवं बड़े किसान—इस योजना के अंतर्गत पात्र हैं। महिला भूमिधारकों का भी फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण किया जा रहा है। प्रत्येक भूमि स्वामी किसान की फार्मर आईडी बनाई जाती है। भूमि स्वामित्व के आधार पर पंजीकरण किया जाता है, हालांकि किराए पर खेती करने वाले किसानों के लिए कुछ विशेष परिस्थितियों में अपवाद संभव हैं।
फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, नवीनतम खसरा या जमाबंदी की प्रति तथा आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर आवश्यक है। पैन कार्ड की आवश्यकता नहीं है। आधार और जमाबंदी में नाम मिलान नहीं होने की स्थिति में भी पंजीकरण संभव है, जिसे गिरदावर एवं तहसीलदार के माध्यम से सत्यापित किया जाता है। भविष्य में योजनाओं के निर्बाध लाभ के लिए आधार कार्ड में नाम की शुद्धता आवश्यक होगी।
एक मोबाइल नंबर पर दो किसान हो सकते हैं पंजीकृत:
भारत सरकार के निर्देशानुसार एक मोबाइल नंबर से दो किसानों का पंजीकरण किया जा सकता है। राज्य में ग्राम पंचायत स्तर पर शिविरों के माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री का पंजीकरण किया जा रहा है। यह प्रक्रिया पूर्णतया ऑनलाइन है, निःशुल्क है और औसतन 10 से 15 मिनट में पूर्ण हो जाती है। विवाहित महिलाएं या अन्य स्थानों पर निवास करने वाले किसान अपने परिजनों के माध्यम से ओटीपी साझा कर पंजीकरण करवा सकते हैं।
फार्मर रजिस्ट्री एक बार बनवानी होती है, इसके बाद उत्तराधिकार या भूमि क्रय-विक्रय की स्थिति में विवरण स्वतः अद्यतन हो जाता है। प्रत्येक किसान का अलग-अलग पंजीकरण आवश्यक है। अन्य राज्यों के निवासी भी यदि उनकी भूमि राजस्थान में है तो आधार के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं। फार्मर आईडी बनने के बाद यूएफआर सुविधा के माध्यम से नए खसरे जोड़े जा सकते हैं तथा डी-लिंक सुविधा से गलत जुड़े खसरे हटाए जा सकते हैं।
बेहद आसान है फार्मर आईडी बनवाना:
फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण ई-मित्र, सीएससी केंद्र, ग्राम पंचायत अथवा तहसील कार्यालय के माध्यम से कराया जा सकता है। पीएम किसान योजना में नए पंजीकरण एवं पीएम फसल बीमा योजनाओं का लाभ लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य है। निकट भविष्य में कृषि एवं सहकारिता विभाग की सभी किसान केंद्रित योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर आईडी आवश्यक होगी।
