संवेदनशीलता और त्वरित कार्यवाही की मिसाल बनी दो लाख की सहायता राशि

संवेदनशीलता और त्वरित कार्यवाही की मिसाल बनी दो लाख की सहायता राशि
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राजसमंद। गांव डूमखेड़ा की एक साधारण गृहिणी स्व. सोसर बाई, जो श्रमिक पंजीयन की पात्र लाभार्थी थीं, उनके निधन के बाद परिवार गहरे दुख और आर्थिक असहायता में डूबा हुआ था। जीवन साथी को खोने का दर्द अपने आप में बहुत बड़ा होता है, और ऐसे समय में अगर कोई आगे आकर सहारा बन जाए, तो वही होती है- जन सेवा।

जब यह दुःखद समाचार राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी के संज्ञान में आया, तो उन्होंने इसे एक व्यक्तिगत उत्तरदायित्व की तरह लिया। संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्होंने तुरंत क्षेत्रीय कार्यकर्ता कालू सिंह राठौड़ को निर्देशित किया कि वे मृतका के परिवार से मिलकर श्रम विभाग की "हिताधिकारी की सामान्य मृत्यु पर सहायता योजना" के तहत आवेदन की प्रक्रिया तुरंत शुरू करवाएं।

विधायक द्वारा श्रम कल्याण अधिकारी उमेश राईका को भी निर्देशित किया गया कि वे इस संवेदनशील मामले में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करें। नतीजा यह रहा कि आवेदन को उसी दिन सिर्फ ढाई घंटे में स्वीकृत करते हुए ₹2 लाख की अनुग्रह राशि स्वीकृत कर दी गई जो प्रशासनिक दक्षता और जनप्रतिनिधि की संकल्प शक्ति का अद्भुत उदाहरण है।

वासोल में आयोजित एक कार्यक्रम में मृतका के पति सोहन लाल गुर्जर को सहायता राशि का लाभार्थी प्रमाण पत्र ससम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में राजसमंद प्रधान अरविन्द सिंह राठौड़, श्रम कल्याण अधिकारी उमेश राईका सहित कई जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विधायक माहेश्वरी ने कहा, "हमारा कर्तव्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि जरूरतमंद तक उनका लाभ समय पर और गरिमा के साथ पहुँचाना है। यह मात्र सहायता राशि नहीं, बल्कि उस परिवार के जीवन में विश्वास की लौ जलाने का प्रयास है।"

इस पूरी प्रक्रिया ने यह सिद्ध कर दिया कि जब जनप्रतिनिधित्व में सेवा और संवेदनशीलता का मेल होता है, तब प्रशासनिक ढांचे भी आमजन की सहायता के लिए पूरी तत्परता से खड़े हो जाते हैं।

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