कलक्टर बालमुकुंद असावा ने ली हरियालो राजस्थान अभियान की समीक्षा बैठक

राजसमंद । जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा की अध्यक्षता में हरियालो राजस्थान अभियान की समीक्षा बैठक बुधवार सुबह कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई जिसमें उप वन संरक्षक कस्तूरी प्रशांत सुले, एडीएम नरेश बुनकर, सीईओ जिला परिषद बृजमोहन बैरवा, राजसमंद एसडीएम बृजेश गुप्ता, नाथद्वारा एसडीएम रक्षा पारीक, सहायक निदेशक लोक सेवाएं लतिका पालीवाल, नगर परिषद राजसमंद आयुक्त बृजेश राय, नाथद्वारा नगर पालिका आयुक्त सौरभ जिंदल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, एनएचएआई के प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे। बैठक में वर्ष 2025 में प्रभावी रूप से पौधारोपण करने और पौधों को संरक्षित ढंग से बड़ा करने पर चर्चा हुई।
जिले में इस बार समग्र रूप से 20 लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत प्रमुख विभागों पर गौर करें तो जिला परिषद सीईओ बैरवा ने बैठक में बताया कि विभाग से 3.83 लाख का टारगेट मिला है लेकिन विभाग द्वारा 4.26 लाख पौधों का लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है। आत्मा, मोही और कुछ अन्य पंचायतों में अभी से उत्कृष्ट तैयारियां की है। सभी ग्राम पंचायतों को संदेश दिया है कि पौधारोपण कोई एक दिन का इवेंट नहीं होकर एक बड़ी जिम्मेदारी है, पौधों को बड़ा करना है। सीईओ ने बताया कि पंचायतों में पौधों की तार फेंसिंग अवश्य करने के निर्देश भी दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) राजेन्द्र गग्गड़ ने बताया कि विभाग द्वारा कक्ष एक से आठ तक प्रति विद्यार्थी एक-एक और कक्षा नौ से बारह तक प्रति विद्यार्थी दो-दो पौधे लगाने का लक्ष्य दिया है। जिले में राजकीय विद्यालयों का 2.35 लाख और निजी विद्यालयों का 1 लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा है, 20 हजार गड्ढे अब तक खोद दिए गए हैं।
डीसीएफ सुले ने वन विभाग द्वारा 4.47 लाख, खान विभाग ने 1.50 लाख, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने 1.90 लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा है, इसी तरह अन्य विभागों जैसे चिकित्सा, पशुपालन, कृषि आदि को भी लक्ष्य दिए गए हैं।
पशुपालन संयुक्त निदेशक डॉ शक्ति सिंह से समीक्षा के दौरान कलक्टर असावा ने निर्देश दिए कि समस्त गौशालाओं को भी अधिक से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य दिया जाए। राजीविका डीपीएम डॉ सुमन अजमेरा को कहा कि जिले में 8 हजार एसएचजी है, प्रति एसएचजी 11 पौधे लगवाए जाएं। इसी तरह सीएमएचओ को जिला चिकित्सालय और उप जिला चिकित्सालय के स्तर पर 40 पौधे, सीएचसी और पीएचसी के स्तर पर 30-30 पौधे तथा उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर 10-10 पौधे लगाने का लक्ष्य कलक्टर द्वारा सौंपा गया।
कलक्टर ने कलेक्ट्रेट, उपखंड कार्यालय, तहसील, पटवार मण्डल आदि कार्यालयों में भी प्रभावी रूप से पौधारोपण करने के निर्देश दिए। नगर परिषद राजसमंद आयुक्त बृजेश राय को इरिगेशन पाल के नीचे अमरूदों का बाग तैयार करने के निर्देश देने के साथ-साथ भवानी माता पहाड़ी सहित अन्य स्थानों पर पौधारोपण की तैयारियों की समीक्षा की। कलक्टर ने राज्य सरकार के नवाचार पंच गौरव के क्रम में राजसमंद जिले की ‘एक जिला एक प्रजाति-नीम’ को ध्यान में रखते हुए अधिकाधिक नीम लगाकर इसे बढ़ावा देने के निर्देश दिए।
कलक्टर ने कहा कि अभियान में हर विभाग की सहभागिता रहे और सभी विभाग संबंधित संस्थाओं और हितधारकों को भी प्रेरित करें।
15 जून तक हो जाएँ गड्ढे:
कलक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि 15 जून तक हर हाल में 90 प्रतिशत से अधिक गड्ढे खुद जाएँ, 30 मई तक सभी विभाग पौधों की मांग संबंधित नर्सरी को भेज दें तथा 1 से 10 जुलाई के मध्य बड़े स्तर पर पौधारोपण किया जाए। कलक्टर ने कहा कि आमजन, सामाजिक संगठन, स्वयं सेवी संगठन, व्यापारियों आदि को भी पौधारोपण के लिए जागरूक करें और इसे एक जन अभियान के रूप में क्रियान्वित करें।
नवाचार: हर पंचायत में बनेगा ‘वृक्ष कुंज’
जिले में एक नई पहल करते हुए कलक्टर ने जिला परिषद सीईओ निर्देश दिए कि हर ग्राम पंचायत में एक-एक स्थान चयनित कर 200 पौधे प्रति पंचायत लगाकर ‘वृक्ष कुंज’ के रूप में झुरमुट तैयार किया जाए जिसके चारों ओर फेंसिंग की जाए। नियमित देखभाल कर पौधों को बड़ा किया जाए। इसमें संभवतः नीम वृक्ष का चयन किया जाए। ये वृक्ष कुंज तैयार होकर आमजन को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दें। सीईओ ने बताया कि अभियान को जिले में सफल रूप से क्रियान्वित किया जाएगा।
कलक्टर ने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी इसमें पर्यावरण संरक्षण की भावना से जुड़ें। पौधे लगाकर उन्हें बड़ा करना और संरक्षित रखना बहुत जरूरी है। पौधे तब ही लगाएं जब आप उन्हें बड़ा कर सकें।