आमजन डरे नहीं…लेकिन सतर्क और जागरूक रह कर सरकार का सहयोग करें :कलक्टर

आमजन डरे नहीं…लेकिन सतर्क और जागरूक रह कर सरकार का सहयोग करें :कलक्टर
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राजसमंद( राव दिलीप सिंह परिहार)जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बालमुकुंद असावा तथा एसपी मनीष त्रिपाठी ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक लेकर वर्तमान स्थितियों के मध्यनजर आपदा की संभावित स्थितियों से निपटने हेतु विभिन्न विभागों को आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को समन्वय के साथ तुरंत प्रभाव से कार्य योजना तैयार करने को कहा ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित व प्रभावी राहत व बचाव कार्य सुनिश्चित किया जा सके।

बैठक में एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा, एएसपी महेंद्र पारीक, एसडीएम बृजेश गुप्ता सहित आपदा और राहत संबंधी सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर असावा ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए हम सभी को देश के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करना है, आमजन पेनिक नहीं हो, घबराए नहीं और उन्हें हम समय पर राहत दे पाएं यह प्रशासन का दायित्व है। सभी अधिकारी आमजन को एयर रेड से बचने के उपायों और एक नागरिक होने के नाते उनके दायित्वों से अवगत कराएं। सभी विभाग सौंपी गई जिम्मेदारी का अक्षरशः निर्वहन करें। सोशल मीडिया पर कोई भी भ्रामक, झूठी और निराधार सूचना दिखाई देने पर तुरंत सूचित करें और किसी भी गलत सूचना को अपनी ओर से फॉरवर्ड नहीं करें।

एसपी मनीष त्रिपाठी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियाँ उत्पन्न होने पर प्रभावित क्षेत्रों में हमें भी मदद के हाथ बढ़ाने पड़ सकते हैं, ऐसे में सभी अधिकारी संसाधन तैयार रखें, हर समय अलर्ट रहें और टीम को मजबूत रखें। जिले में रसद की कमी न हो, पेट्रोल पंपों पर पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित हो, अस्पतालों में संसाधन पर्याप्त हों। रक्तदाताओं की सूची भी तैयार रखें ताकि जरूरत पड़ने अन्य स्थानों पर जाकर मदद की जा सके। कोई भी फेक न्यूज़ सामने आने पर तुरंत अवगत कराएं। ऐसे निर्देश जो हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, वे पुलिस की व्यापक सूचना प्रणाली के माध्यम से जन जन तक पहुंचाए जा सकते हैं। पुलिस विभाग आमजन की सुरक्षा को लेकर सदैव तत्पर है।

गांवों तक हो प्रभावी अनाउंसमेंट सिस्टम:

बैठक में जिला कलक्टर ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बृजमोहन बैरवा को पंचायत एवं ग्राम स्तर पर सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं की पूर्ण जानकारी रखने, आपदा की स्थिति में सहयोग के लिए सक्षम नागरिकों की सूची तैयार करने, ग्राम स्तर पर भी अनाउंसमेंट की व्यवस्था करने तथा राहत कार्य हेतु उपयुक्त स्थानों का चिन्हीकरण करने को कहा गया।

पर्याप्त रसद हो सुनिश्चित:

संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेटों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में संवेदनशील स्थलों की सूची अद्यतन कर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा गया। जिला रसद अधिकारी को खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने और आवश्यक वस्तुओं के अनावश्यक भंडारण पर रोक लगाने की जिम्मेदारी दी गई। साथ ही उन्हें निर्देश दिए कि हॉलसेलर्स को स्टॉक बनाए रखने के लिए पाबंद करें, साथ ही कालाबाजारी जैसी गतिविधि किसी भी हाल में न हो।

सभी एम्बुलेंस 24 घंटे तत्पर रहें, दवाओं और रक्त की न हो कमी:

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हेमंत बिंदल को कलक्टर ने कहा कि हर अस्पताल में 24 घंटे चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ उपलब्ध रहे, अगर कोई अवकाश पर हो तो उन्हें वापिस बुला लें। समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाइयों, डॉक्टरों, उपकरणों और स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने, ब्लड बैंक में सभी रक्त समूहों के रक्त की पर्याप्त मात्रा बनाए रखने के निर्देश दिए।अस्पतालों में ब्लैक आउट संभव नहीं होता ऐसे में परदों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। दोनों जिला चिकित्सालय सहित सभी उप जिला चिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी, उप स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्देशों की अनुपालना कराने की बात कही।

पानी-बिजली आपूर्ति से आमजन न हो वंचित:

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के एसई रामवतार सैनी को आपात स्थिति में आमजन के लिए पेयजल व्यवस्था तथा अजमेर विद्युत वितरण निगम को विद्युत आपूर्ति बनाए रखने एवं राहत शिविरों में बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया। नगर परिषद राजसमंद एवं समस्त नगर पालिकाओं के आयुक्त तथा अधिशाषी अधिकारियों को अग्निशमन सेवाएं, संचार प्रणाली, सायरन, पब्लिक एड्रेस सिस्टम आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा धर्मशालाओं व सामुदायिक भवनों को राहत कार्य हेतु चिन्हित कर आवश्यक व्यवस्थाएं करने को कहा गया। जिलेभर में धार्मिक स्थलों मौजूदा अनाउंसमेंट सिस्टम की सूची तैयार करने और व्यक्त पड़ने पर उपयोग में लेने के निर्देश दिए।

उपयोगी भवनों को तुरंत करें चिन्हित:

सार्वजनिक निर्माण विभाग को राहत के दौरान उपयोगी भवनों की पहचान, नियंत्रण कक्ष की स्थापना एवं आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। तहसीलदार व विकास अधिकारियों को भी संचार सेवाएं कार्यशील रखने, सायरन प्रणाली सुनिश्चित करने तथा राहत केंद्रों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

जिला दूरसंचार प्रबंधक को जिले में संचार सेवाएं सुचारू रखने तथा सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी को भ्रामक खबरों पर रोक लगाने और पब्लिक एड्रेस सिस्टम से समय-समय पर सरकार द्वारा जारी आवश्यक सूचनाएं प्रसारित करने को कहा गया।

सूचना तंत्र रहे मजबूत, समन्वय रखें:

शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा एसआरके कॉलेज के प्राचार्य को राष्ट्रीय सेवा योजना, एनसीसी व अन्य स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा विद्यालय भवनों की अस्थायी अस्पताल या राहत केंद्र के रूप में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

सूचना विज्ञान अधिकारी (एनआईसी) एवं आईटी विभाग को आधुनिक संचार तंत्र स्थापित करने में सहयोग देने एवं राष्ट्रीय व राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए। गृह रक्षा प्रशिक्षण केंद्र को आपात स्थिति में होमगार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया।

जिला कलक्टर ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि आपदा प्रबंधन हेतु आपसी समन्वय और तत्परता बनाए रखें, जिससे किसी भी आपात स्थिति में आमजन को समय पर सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

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