सड़क हादसों की रोकथाम पर गंभीर है सरकार, कोई भी कोताही स्वीकार्य नहीं :हसीजा

राजसमंद,। कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा एवं एसपी ममता गुप्ता द्वारा सड़क सुरक्षा पर विस्तृत बैठक ली गई जिसमें विभिन्न विभागों जैसे- परिवहन, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, श्रम विभाग आदि के अधिकारी मौजूद रहे।
जिला कलक्टर ने कहा कि सड़क हादसों की रोकथाम राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा से संबंधित अपने-अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन करें और परस्पर समन्वय के साथ कार्य करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़क हादसों पर नियंत्रण के लिए क्विक रेस्पोंस, निगरानी, कार्रवाई और जन-जागरूकता सबसे प्रभावी साधन हैं।
गृह विभाग के आदेशों की अनुपालना के निर्देश:
जिला कलक्टर एवं एसपी ने गृह विभाग द्वारा जारी आदेशों की पूर्ण अनुपालना के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 03 नवम्बर 2025 को आयोजित राज्य स्तरीय बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान 4 से 18 नवम्बर 2025 तक चलाया जा रहा है। इस अभियान के प्रमुख उद्देश्य हैं — सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना, मृत्यु दर घटाना, यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना, सड़क उपयोगकर्ताओं में जागरूकता बढ़ाना तथा सड़क अधोसंरचना और आपातकालीन सहायता प्रणाली को सुदृढ़ बनाना। जिला कलक्टर एवं एसपी ने इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
प्रभावी पर्यवेक्षण एवं कार्रवाई हो:
जिला कलक्टर ने कहा कि जिलेभर में प्रवर्तन एवं पर्यवेक्षण को प्रभावी बनाया जाए। शराब पीकर, तेज गति से, गलत दिशा में या खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई की जाए। बिना नंबर प्लेट या रिफ्लेक्टर वाले वाहनों पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। राजमार्गों पर हाईवे मोबाइल यूनिट एवं एम्बुलेंस की सक्रियता की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
परिवहन विभाग से कहा- लापरवाहों पर सख्ती बरतें:
जिला परिवहन अधिकारी अभिजीत सिंह से समीक्षा करते हुए परिवहन विभाग को ओवरलोडिंग, अनाधिकृत संचालन, फिटनेस उल्लंघन और दोहराए गए ओवरस्पीड मामलों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। कहा कि शराब सेवन के मामलों में चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन अथवा निरस्तीकरण की कार्यवाही हो। चालक एवं खलासी की उपलब्धता का सत्यापन कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। जिला स्तर पर संयुक्त निरीक्षण दल गठित कर वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाए तथा चालकों को रिफ्लेक्टर टेप लगवाने हेतु प्रेरित किया जाए।
संकेतक लगाने, अवैध कट बंद करने के निर्देश:
कलेक्टर ने पीडबल्यूडी, एनएचएआई, आरएसआरडीसी को निर्देश दिए कि सभी राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर अनाधिकृत कट जल्द से जल्द बंद किए जाएँ। डिवाइडर एवं मीडियन पर रेलिंग या सुरक्षा जाल लगाया जाए, सड़क किनारे झाड़ियाँ हटाई जाएँ और गड्ढों की मरम्मत कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाए। सभी सड़कों पर व्हाइट लाइनिंग का कार्य 15 दिनों में पूर्ण किया जाए तथा नियमानुसार चेतावनी संकेतक व साइन बोर्ड लगाए जाएँ।
अवैध ढाबे, बस स्टैंड व अनाधिकृत संरचनाएँ हटाकर अनुपालना रिपोर्ट भेजी जाए। सड़क पर विचरने वाले पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की कार्ययोजना तैयार कर लागू की जाए। जहां सर्विस लेन नहीं है, वहाँ निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा जाए।
तुरंत उपचार जरूरी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को दिए निर्देश:
कलक्टर-एसपी ने निर्देश दिए कि 45 वर्ष से अधिक आयु के वाहन चालकों का नेत्र परीक्षण अभियान एक माह के भीतर पूर्ण किया जाए। ट्रॉमा सेंटरों और अस्पतालों की तत्परता की समीक्षा की जाए तथा एम्बुलेंस की उपलब्धता और संचालन की नियमित जांच की जाए। यदि किसी चिकित्सक द्वारा गलत प्रमाणपत्र जारी कर लाइसेंस नवीनीकरण किया गया हो, तो विधिक कार्रवाई की जाए।
अतिक्रमण मुक्त हो फूटपाथ, आवारा पशुओं पर लगे लगाम:
फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त करने, ट्रैफिक सिग्नलिंग सिस्टम व सड़क प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। शहरी क्षेत्रों में भारी वाहनों की नो-एंट्री सीमा और समय निर्धारण की समीक्षा करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि सड़क सुरक्षा पर जन-जागरूकता बढ़ाने हेतु बैनर, पोस्टर और डिजिटल डिस्प्ले लगाए जाएँ। सड़कों पर विचरने वाले पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जाए।
शिकायतों पर हो त्वरित कार्रवाई:
श्रम विभाग को निर्देश दिए कि ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा चालकों से अत्यधिक समय तक वाहन चलवाने की शिकायतों की जांच कर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। चालकों के कार्य घंटे और विश्राम समय का पालन सुनिश्चित करने हेतु निरीक्षण एवं जागरूकता अभियान चलाया जाए।
कलेक्टर ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह सामूहिक उत्तरदायित्व है। सभी विभागों को आपसी तालमेल और सतर्कता से कार्य करते हुए जिले में सड़क हादसों की रोकथाम सुनिश्चित करनी होगी, ताकि सड़क सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी बनाया जा सके।
