मिशन शक्ति संकल्प के तहत किशोरी बालिकाओं के लिए कार्यशाला का आयोजन

मिशन शक्ति संकल्प के तहत किशोरी बालिकाओं के लिए कार्यशाला का आयोजन
X

राजसमंद। मिशन शक्ति संकल्प के तहत महिला अधिकारिता विभाग द्वारा उपनिदेशक रश्मि कोशिश के निर्देशन में 2 से 10 सितम्बर 2025 तक महिला केंद्रित विषयों पर जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके अंतर्गत ग्राम पंचायत केलवा क्षेत्र स्थित फूली देवी अंशुल बोहरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में किशोरी बालिकाओं के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य मांगीलाल तेली द्वारा किया गया। उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किशोरी बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना आवश्यक है ताकि वे आत्मनिर्भर एवं सुरक्षित जीवन जी सकें।

इस अवसर पर जेंडर स्पेशलिस्ट कांता माली ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लड़के की आयु 21 वर्ष से कम और लड़की की आयु 18 वर्ष से कम होने पर विवाह कराना कानूनन अपराध है। ऐसे मामलों में दो वर्ष तक का कठोर कारावास, एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों दंड मिल सकते हैं। बाल विवाह से बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, मानसिक एवं शारीरिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साथ ही हिंसा और उत्पीड़न से संरक्षण के अधिकार का हनन होता है।

कार्यशाला में पर्यवेक्षक मनीषा ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को यौन शोषण, उत्पीड़न और अश्लील कृत्यों से सुरक्षित रखने हेतु यह कानून बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य दोषियों को कठोर दंड देना, बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और न्यायिक प्रक्रिया को सरल व संवेदनशील बनाना है।

कार्यशाला के दौरान ग्राम पंचायत की साथिन संतोष ने महिला अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित सखी सेंटर, महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र, और पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान केंद्र की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये केंद्र पीड़ित महिलाओं को 24 घंटे सहायता प्रदान करते हैं। साथ ही महिला हेल्पलाइन नंबर 181 और चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के बारे में जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में विद्यालय के सभी अध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं सक्रिय रूप से शामिल हुए। कार्यशाला के माध्यम से किशोरी बालिकाओं को उनके अधिकार, सुरक्षा उपाय और सहायता सेवाओं की जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर एवं जागरूक बनाने का प्रयास किया गया।

Tags

Next Story