जिले को प्लास्टिक मुक्त बनाना हमारा प्रयास, यह तभी संभव जब हर व्यक्ति की हो भागीदारी :सीईओ बैरवा

राजसमंद,। जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा के नेतृत्व में एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बृजमोहन बैरवा के निर्देशन में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा जिले में “स्वच्छता और शिक्षा – एक नई उड़ान” अभियान की शुरुआत कर अनूठी पहल की गई है।
स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी अलग ही पहचान स्थापित कर चुका राजसमंद अब एक और नई पहल का गवाह बना है।
“स्वच्छता और शिक्षा – एक नई उड़ान” अभियान के तहत विद्यार्थी एक सिंगल यूज प्लास्टिक की बोतल में उपयोग में आ चुकी पॉलिथीन की थैलियाँ भरकर लाते हैं और बदले में उन्हें कॉपी, पेन, पेंसिल, रबर, शार्पनर एवं पौधे प्रदान किए जा रहे हैं। इस पहल से स्वच्छता का संदेश फैलने के साथ-साथ शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है।
इस अभिनव पहल से पॉलिथीन अब सड़क या गौमाता के पेट में नहीं जाएगी, जिससे स्वच्छता के साथ गौ संरक्षण को भी बल मिलेगा।
अभियान की शुरुआत रेलमगरा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बनेडिया से की गई, जहाँ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में पंचायत के छह विद्यालयों के 1200 छात्र-छात्राओं ने अपने घरों से एक-एक बोतल में वेस्ट पॉलिथीन भरकर लाकर विद्यालय में जमा की। विद्यार्थियों ने इन बोतलों से अपनी ग्राम पंचायत ‘बनेडिया’ का नाम डिजाइन कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
इस अवसर पर जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा, एसीईओ डॉ. सुमन अजमेरा, अतिरिक्त बीडीओ गिरिराज आगल, प्रशासक योगेंद्र सिंह, पीईईओ अनिल पहाड़िया, ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्र मीणा, स्वच्छ भारत मिशन जिला समन्वयक नानालाल साल्वी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री का संकल्प करना है साकार :सीईओ
सीईओ बैरवा ने बताया कि यह अभियान माननीय प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत एक नवाचार के रूप में जिले में संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी की भावना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करना है। उन्होंने कहा कि “स्वच्छता केवल सफाई नहीं, बल्कि एक संस्कार है।”
बनेडिया में आयोजित “प्लास्टिक संग्रह पहल कार्यक्रम” में उन्होंने कहा कि स्वच्छता आत्मानुशासन और जिम्मेदारी का प्रतीक है। जब बच्चे जागरूक होंगे, तो परिवार और समाज भी प्रेरित होंगे। इस पहल को जिले की सभी ग्राम पंचायतों में विस्तारित किया जाएगा।
कॉपी, पेन और पौधे पाकर खिले बच्चों के चेहरे:
स्कूली बच्चों ने जब वेस्ट पॉलिथीन से भरी बोतलें सौंपकर बदले में कॉपी, पेन और पौधे प्राप्त किए, तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे। उन्होंने कहा कि वे घर जाकर परिजनों को भी कचरा नहीं फैलाने, पॉलिथीन का उपयोग न करने और उसे इस तरह सुरक्षित निस्तारित करने के लिए प्रेरित करेंगे।
अब इन बोतलों से बनेगी कला-कृतियाँ:
ग्राम पंचायत अब इन एकत्रित बोतलों से एक आकर्षक चबूतरा तैयार करेगी। सीईओ ने बताया कि खमनोर में पहले ही एक सेनिटेशन पार्क निर्मित किया जा चुका है, जहाँ इसी प्रकार वेस्ट बोतलों से कलाकृतियाँ बनाई गई हैं। इस तरह यह पहल न केवल पॉलिथीन को स्थायी रूप से बंद कर रही है बल्कि स्वच्छता और नवाचार दोनों को प्रोत्साहित कर रही है।
