राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने ली बैठक

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने ली बैठक
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राजसमंद । राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने मंगलवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ आगामी ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। बैठक में एडीएम नरेश बुनकर, जिला कोषाधिकारी विशाल अग्रवाल, पुलिस उपाधीक्षक, समस्त केन्द्राधीक्षक, उप समन्वयक, पर्यवेक्षक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने परीक्षा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों, डमी अभ्यर्थियों की पहचान, फ्रिस्किंग, सुरक्षा उपायों एवं गोपनीयता जैसे संवेदनशील विषयों पर अपने अनुभव साझा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी संबंधित अधिकारी समन्वय बनाए रखें।

कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने जिला प्रशासन से तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करते हुए ग्राम विकास अधिकारी सहित अन्य समस्त आगामी भर्ती परीक्षाओं के सफल एवं शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर दिशा-निर्देश दिए।

6396 अभ्यर्थी होंगे शामिल:

उल्लेखनीय है कि 2 नवंबर 2025 (रविवार) को जिले में ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा के लिए जिले में कुल 20 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें 9 सरकारी एवं 11 निजी संस्थान शामिल हैं।

इन परीक्षा केंद्रों पर कुल 6396 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे, जिनमें 3920 अभ्यर्थी राजसमंद जिले से तथा 2476 अभ्यर्थी पाली जिले से होंगे। परीक्षा सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित होगी। सुबह 10 बजे के बाद किसी भी अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

गाइडलाइन का करना होगा सख्त अनुपालन:

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर ने ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे यह सुनिश्चित कर लें कि वे बोर्ड कार्यालय की संबंधित विज्ञप्तियों में वर्णित सभी निर्धारित पात्रता एवं शैक्षणिक योग्यता की शर्तों को पूर्ण करते हों।

उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी रेल या बस की छत अथवा पायदान पर बैठकर या खड़े होकर यात्रा न करें। परीक्षा केंद्र पर एवं यात्रा के दौरान पूर्ण अनुशासन बनाए रखें, अन्यथा आपके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के साथ-साथ परीक्षा निरस्तीकरण की कार्यवाही भी की जा सकती है।

अभ्यर्थियों से अपील की गई है कि वे परीक्षा केंद्र पर निर्धारित परीक्षा समय से दो घंटे पूर्व अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें, ताकि आवश्यक तलाशी प्रक्रिया के बाद समय पर परीक्षा कक्ष में अपने निर्धारित स्थान पर बैठ सकें। परीक्षा प्रारंभ होने के नियत समय से एक घंटे पूर्व तक ही प्रवेश की अनुमति होगी। इसके पश्चात परीक्षा केंद्र का प्रवेश द्वार बंद कर दिया जाएगा और किसी भी परिस्थिति में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सभी परीक्षार्थी समय का विशेष ध्यान रखें।

परीक्षा केंद्र पर फोटोयुक्त पहचान पत्र के आधार पर पहचान सुनिश्चित होने, फ्रिस्किंग एजेंसी / बायोमेट्रिक डिवाइस द्वारा फेस रिकग्निशन तथा सतर्कता दल की जाँच के उपरांत ही प्रवेश दिया जाएगा। फ्रिस्किंग और बायोमेट्रिक कार्य पूर्ण होने के पश्चात अभ्यर्थी अपने रोल नंबर की जाँच कर अपने आवंटित कक्ष में बैठेंगे तथा परीक्षा केंद्र परिसर में अनावश्यक रूप से न घूमना वर्जित होगा।

परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की घड़ी पहनकर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। अभ्यर्थी केवल नीले रंग का पारदर्शी बॉल पेन ही साथ लेकर आएं। इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार का पर्स, बैग, पानी की बोतल, ज्योमेट्री बॉक्स, प्लास्टिक पाउच, कैलकुलेटर, तख्ती, पैड, पैन ड्राइव, रबर, लॉग टेबल, स्कैनर, किताबें, नोटबुक, पर्चियां, व्हाइटनर, मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, इयरफोन, माइक्रोफोन, पेजर या कोई भी संचार उपकरण अथवा हथियार परीक्षा केंद्र में ले जाना पूर्णतः वर्जित है।

नियमों के उल्लंघन पर कड़ी सजा का प्रावधान:

गाइडलाइन अनुसार अभ्यर्थियों को परीक्षा में पूर्ण ईमानदारी, अनुशासन एवं पारदर्शिता के साथ भाग लेना होगा। परीक्षा केंद्रों पर नकल की रोकथाम हेतु अत्यंत प्रभावी एवं कड़े उपाय किए गए हैं।

अभ्यर्थी नकल कराने के नाम पर ठगी करने वाले किसी भी गिरोह के झांसे या बहकावे में न आएं तथा परीक्षा से संबंधित सोशल मीडिया पर प्रसारित किसी भी भ्रामक सूचना या अफवाह पर ध्यान न दें।

परीक्षा संचालन के दौरान किसी भी प्रकार के अनुचित साधनों का उपयोग या अनियमित गतिविधियों में संलिप्तता पाए जाने पर राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) अधिनियम, 2022 तथा इसके संशोधन अधिनियम, 2023 (संख्या 17) के अंतर्गत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इन अधिनियमों के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर 10 लाख रुपये से लेकर अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक के आर्थिक दंड तथा 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही ऐसे अभ्यर्थियों को भविष्य की परीक्षाओं से विवर्जित (डिबार) भी किया जाएगा।

उन्होंने सभी अभ्यर्थियों से आग्रह किया है कि वे परीक्षा को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराने में प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें।

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