सार्वजनिक हित में नहीं थी अभियोजन वापसी की अर्जी, राज्य ने कहा आरोपियों पर केस चलना जरूरी

जयपुर. प्रदेश के चर्चित एकल पट्टा प्रकरण में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट में 19 जनवरी 2021 को आरोपियों के खिलाफ अभियोजन वापसी की जो अर्जी दायर की गई थी, वह सार्वजनिक हित में नहीं थी और केस के तथ्यों का समुचित मूल्यांकन किए बिना ही दाखिल कर दी गई थी. सरकार ने कहा कि अब वह इस अर्जी को वापस लेना चाहती है.हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अपना प्रार्थना पत्र रजिस्ट्री विंग में दाखिल करे और उसकी प्रति आरोपी पक्ष को उपलब्ध कराए. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई सात जनवरी 2026 तय की है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश जोधपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान दिए.सुनवाई के दौरान एएसजी एसवी राजू और एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ दी गई अभियोजन वापसी की अर्जी बिना ठोस तथ्यों के दी गई थी और यह लोकहित में नहीं थी. इसलिए राज्य सरकार चाहती है कि आरोपियों के खिलाफ नियमित रूप से मुकदमे की कार्रवाई जारी रहे. पूर्व आईएएस जीएस संधू सहित अन्य की रिवीजन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत इस मुद्दे पर विचार कर रही है. इन याचिकाओं में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें 26 नवंबर 2021 को राज्य सरकार की अभियोजन वापसी की अर्जी खारिज कर दी गई थी.
