गुरु पूर्णिमा का पर्व आज देशभर में आस्था, श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया

राजसमंद |गुरु पूर्णिमा का पर्व आज देशभर में आस्था, श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। मंदिरों, आश्रमों और शिक्षण संस्थानों से लेकर दफ्तरों तक गुरु-शिष्य परंपरा की झलक देखने को मिली। गुरुओं के सम्मान में विशेष पूजा-अर्चना, आरती, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

मंदिरों और मठों में संत-महात्माओं, साधु-संतों और गुरुओं की विशेष पूजा हुई। शिष्यों ने अपने गुरुओं के चरणों में पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया और जीवन में मिली सीख को स्मरण करते हुए कृतज्ञता प्रकट की।

दूसरी ओर, दफ्तरों और स्कूलों में भी गुरु पूर्णिमा का असर साफ नजर आया। कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने अपने सीनियर्स, शिक्षकों और मार्गदर्शकों का सम्मान किया। कई जगहों पर गुरु के सम्मान में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां शिष्यों ने झुककर अपने गुरुओं को प्रणाम किया।

इस अवसर पर कई प्रमुख नेताओं, शिक्षाविदों और धर्मगुरुओं ने गुरु की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु केवल ज्ञान का स्रोत नहीं, बल्कि जीवन की दिशा देने वाले पथ प्रदर्शक भी होते हैं।

गुरु पूर्णिमा का यह पावन अवसर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को फिर से जीवंत करता है, जिसमें गुरु को ईश्वर से भी ऊपर स्थान दिया गया है — "गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।"

देश भर में 'गुरु वंदन' के इस पर्व ने एक बार फिर गुरु-शिष्य परंपरा को जीवंत कर दिया है।

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