शिविरों का हो प्रभावी क्रियान्वयन, हर पात्र व्यक्ति को करें लाभान्वित, कोई वंचित नहीं रहे :कलक्टर

राजसमंद,। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य में 17 सितंबर, बुधवार से शहरी सेवा शिविरों एवं ग्रामीण सेवा शिविरों का आयोजन हो रहा है। शहरी क्षेत्र में प्रत्येक वार्ड में एवं ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत में ये शिविर होंगे। जिले में इन शिविरों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा ने सोमवार देर शाम तक वीसी लेकर तैयारियों की समीक्षा की और दिशा-निर्देश दिए। एडीएम नरेश बुनकर सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी वीसी कक्ष में मौजूद रहे तथा सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वीसी के माध्यम से कनेक्ट हुए। कलक्टर ने निर्देश दिए कि शिविरों में आमजन को समुचित ढंग से लाभान्वित किया जाए और कोई पात्र वंचित न रहे। साथ ही फार्मर रजिस्ट्री संबंधी कार्य भी शत प्रतिशत पूर्ण किया जाए।
ग्रामीण सेवा शिविरों में होंगे ये कार्य:
ग्राम स्तर पर व्यापक ग्रामीण सेवा शिविरों में प्रशासन द्वारा जनकल्याण से जुड़ी विविध योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुँचाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे। किसानों से संबंधित कार्यों में लंबित फार्मर रजिस्ट्री को पूर्ण करवाना, "किसान गिरदावरी ऐप" डाउनलोड कराकर किसान गिरदावरी हेतु प्रेरित करना, उपखंड एवं सहायक कलेक्टर न्यायालयों में लंबित नोटिसों की तामील कराना तथा लंबित कुर्रेजात रिपोर्ट तैयार करना शामिल है। साथ ही, अपना खाता पोर्टल पर आपसी सहमति से भूमि विभाजन एवं लंबित नामांतरण प्रकरणों का निस्तारण कर राजस्व रिकॉर्ड में इन्द्राज किया जाएगा। भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 136 के तहत शुद्धिकरण प्रकरणों का समाधान किया जाएगा और लंबित गैर खातेदारी से खातेदारी प्रकरणों का निस्तारण कर भूमि अभिलेख में इन्द्राज सुनिश्चित किया जाएगा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के अंतर्गत 10,000 बीपीएल परिवारों का सर्वे किया जाएगा। विधायक, सांसद स्थानीय क्षेत्र कार्यक्रम तथा क्षेत्रीय विकास योजनाओं के तहत उपलब्ध राशि से स्कूलों आदि की मरम्मत के कार्य स्वीकृत किए जाएंगे।
स्वामित्व योजना के तहत पट्टों के आवेदन, स्वीकृति एवं वितरण किए जाएंगे। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत IHHL हेतु आवेदन प्राप्त कर स्वीकृति जारी की जाएगी, सामुदायिक शौचालयों की स्वीकृति दी जाएगी तथा अक्रियाशील सामुदायिक शौचालयों को क्रियाशील बनाया जाएगा। RRC केन्द्रों हेतु भूमि आवंटन व स्वीकृतियाँ प्रदान की जाएंगी। मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना के लाभार्थियों का सर्वेक्षण भी किया जाएगा। सेवा पर्व के अंतर्गत पखवाड़े में 7 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य प्राप्त करने तथा इसके लिए नमो वन/नमो पार्क हेतु भूमि चिन्हित की जाएगी।
स्वास्थ्य क्षेत्र में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग, सिकल सेल रोग की जांच (जनजातीय क्षेत्रों में), बच्चों का टीकाकरण तथा एनसीडी स्क्रीनिंग कराई जाएगी। टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी रोग की स्क्रीनिंग, निक्षय मित्र बनाना और पोषण किट वितरित करना शामिल रहेगा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्ड बनाकर वितरित किए जाएंगे। पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर पशुओं का टीकाकरण और मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत बीमा कर पॉलिसी वितरित की जाएगी। साथ ही बिजली से जुड़ी समस्याओं जैसे सप्लाई, मीटर, ट्रांसफॉर्मर, तारों एवं खंभों का निस्तारण तथा बिल, मांगपत्र और लोड संबंधित शिकायतों का समाधान किया जाएगा।
कृषि क्षेत्र में बीज मिनी किट का वितरण, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की पॉलिसी वितरित करना शामिल रहेगा। वित्तीय समावेशन हेतु प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत नए बैंक खाते खोलना और निष्क्रिय खातों का पुनः सत्यापन किया जाएगा। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में नए पंजीयन कर लंबित क्लेम वितरित किए जाएंगे। अटल पेंशन योजना (APY) में नए पंजीयन होंगे। जन आधार योजना में नवीन नामांकन, अद्यतन व संशोधन कार्य किए जाएंगे। आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत विलेज एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर आधार सीडिंग व ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी तथा राशन कार्ड धारकों की एलपीजी आईडी मैपिंग भी कराई जाएगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशनर्स का सत्यापन होगा। पालनहार योजना में नामांकन व नवीनीकरण कराए जाएंगे। यूडीआईडी कार्ड के आवेदनों का निस्तारण, आवश्यक कृत्रिम अंग व उपकरणों का वितरण, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आवेदन निस्तारण तथा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में लाभार्थियों का पंजीयन कर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। टूलकिट/औजार सहायता योजना के तहत आवेदन निस्तारण होगा। जनहानि, पशुहानि एवं मकानों के नुकसान की प्राप्त आवेदनों की स्वीकृतियाँ जारी की जाएंगी। जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान कर निकासी की कार्ययोजना बनाई जाएगी तथा कॉज-वे निर्माण, बांधों की ऊँचाई बढ़ाने, गेट लगाने, अतिक्रमण चिन्हित करने और क्षतिग्रस्त बांधों की मरम्मत के प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।
इन शिविरों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर व प्रभावी रूप से आमजन तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
शहरी सेवा शिविरों में होंगे ये कार्य:
शहरी सेवा शिविरों के माध्यम से आमजन को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा तथा उनकी समस्याओं का शीघ्र निस्तारण भी किया जाएगा। इसी क्रम में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने इन शिविरों के माध्यम से आमजन को विभिन्न छूट देने का निर्णय लिया है तथा इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है।
अधिसूचना अनुसार शहरी सेवा शिविर में पिछले वर्षों की बकाया लीज राशि वर्ष 2025-26 तक एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज में 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है। फ्री होल्ड पट्टे हेतु 10 वर्ष तथा लीज मुक्ति हेतु 8 वर्ष की लीज राशि एवं पिछले वर्ष की बकाया लीज राशि वर्ष 2025-26 तक अग्रिम एक मुश्त जमा कराने पर बकाया लीज राशि में 60 प्रतिशत छूट मिलेगी। इसी प्रकार आवासीय भूखण्ड के पुनर्ग्रहण शुल्क में 250 वर्ग मीटर तक 75 प्रतिशत, 250 वर्ग मीटर से अधिक व 500 वर्ग मीटर तक 50 प्रतिशत और 500 वर्ग मीटर से अधिक व 1000 वर्ग मीटर तक 25 प्रतिशत छूट प्राप्त होगी।
कृषि भूमि पर बसी हुई कॉलोनियां, जिनमें संबंधित धाराओं में कार्यवाही होकर ले-आउट प्लान स्वीकृत हो चुके हैं, इन कॉलोनियों के भूखण्डों के शेष पट्टे जारी करने पर शहरी सेवा शिविर को प्रथम कैम्प मानते हुए ब्याज में शत् प्रतिशत छूट दी जाएगी। अपंजीकृत दस्तावेजों से क्रय किए गए भूखण्डों में अंतिम क्रेता को भूखण्ड पट्टा देने पर शास्ती में शत् प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है। साथ ही, आवासीय प्रीमियम दरों में 100 वर्ग मीटर तक 25 प्रतिशत तथा 100 वर्ग मीटर से 200 वर्ग मीटर तक 15 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
शहरी सेवा शिविरों में आमजन को राहत देने तथा कार्य की गति बढ़ाने के लिए भी विभिन्न प्रावधान किए गए हैं। भवन निर्माण स्वीकृति, भू-उपयोग परिवर्तन, ले-आउट प्लान आदि में तकनीकी परीक्षण हेतु क्षेत्रफल के आधार पर सक्षम अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। आवासीय उपविभाजन/पुनर्गठन में भी क्षेत्रफल की 3 श्रेणियों में विभिन्न छूट का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में गैर/व्यवसायिक भू-उपयोग से व्यवसायी भू-उपयोग परिवर्तन में तथा निर्धारित भू-उपयोग से विभिन्न भू-उपयोग परिवर्तन में क्षेत्रफल के आधार पर तय की गई विभिन्न श्रेणियों में छूट दी जाएगी।
नगर पालिका अधिनियम के तहत धारा 69-ए के फ्री-होल्ड पट्टा शुल्क में 200 वर्ग मीटर तक 50 प्रतिशत तथा 200 वर्ग मीटर से अधिक व 500 वर्ग मीटर तक 40 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार भवन मानचित्र शुल्क में भी छूट का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत 500 वर्ग मीटर तक जी+1 की भवन निर्माण स्वीकृति में अनुमोदन शुल्क में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी। खांचा भूमि के आवंटन में छूट एवं सक्षमता भी दी जाएगी। निकाय के रिकॉर्ड में नामांतरण, मौका निरीक्षण की छूट एवं आवेदनों के सरलीकरण के संबंध में भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।
