शहरी सेवा शिविर: हाथों-हाथ मिले लाभ तो खिल गए शहरवासियों के चेहरे

शहरी सेवा शिविर: हाथों-हाथ मिले लाभ तो खिल गए शहरवासियों के चेहरे
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राजसमंद । बुधवार को राज्य सरकार के 'शहरी सेवा शिविर' अभियान का शुभारंभ हुआ। नगर परिषद में सुबह से ही लोग शिविर का लाभ लेने के लिए उमड़ पड़े और आवेदन प्रस्तुत किए।इस अवसर पर जिला प्रभारी सचिव एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल अध्यक्ष डॉ. रवि कुमार सुरपुर, जिला प्रमुख रतनी देवी जाट, जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा, सभापति अशोक टाँक, जिलाध्यक्ष जगदीश पालीवाल, जिला परिषद एसीईओ डॉ सुमन अजमेरा, नगर परिषद आयुक्त बृजेश राय, समाजसेवी माधव जाट, एक्सईएन तरुण बाहेती सहित कई पार्षद, जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी मौजूद रहे।

शिविर में मौके पर ही लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया। आयुक्त बृजेश राय ने बताया कि शिविर में उदयलाल कुमावत, उड़ेराम कुमावत, संजय मादरेचा, सुरेशचंद्र पुरबिया को मौके पर ही कृषि भूमि रूपांतरण के पट्टे प्रदान किए गए। इसी तरह ताहेरा बोहरा, चंदनबाला कावड़िया और रामलाल कुमावत को मौके पर ही उप विभाजन के प्रमाण पत्र मिले तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।

ऐसे ही दुर्गा श्रीमाली, संतोष देवी, उषा शर्मा, हिम्मत सिंह को नामांतरण से लाभान्वित किया गया। वहीं पूरण सिंह, बीना देवी, भावना सोनी, देवेन्द्र सिंह को भवन निर्माण की स्वीकृति मौके पर ही मिल गई। निखिल कछारा एवं निशा अग्रवाल को फायर एनओसी प्रदान की गई। इस तरह अनेकों लोगों को विभिन्न योजनाओं में मौके पर ही लाभ प्रदान किए गए। सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित जन उपयोगी साहित्य का वितरण आगंतुकों में किया गया।

जिले के समस्त नगरीय क्षेत्रों में चल रह शहरी सेवा शिविरों के माध्यम से आमजन को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है तथा उनकी समस्याओं का शीघ्र निस्तारण किया जा रहा है।शहरी सेवा शिविर में पिछले वर्षों की बकाया लीज राशि वर्ष 2025-26 तक एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज में 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है। फ्री होल्ड पट्टे हेतु 10 वर्ष तथा लीज मुक्ति हेतु 8 वर्ष की लीज राशि एवं पिछले वर्ष की बकाया लीज राशि वर्ष 2025-26 तक अग्रिम एक मुश्त जमा कराने पर बकाया लीज राशि में 60 प्रतिशत छूट मिलेगी। इसी प्रकार आवासीय भूखण्ड के पुनर्ग्रहण शुल्क में 250 वर्ग मीटर तक 75 प्रतिशत, 250 वर्ग मीटर से अधिक व 500 वर्ग मीटर तक 50 प्रतिशत और 500 वर्ग मीटर से अधिक व 1000 वर्ग मीटर तक 25 प्रतिशत छूट प्राप्त होगी।

कृषि भूमि पर बसी हुई कॉलोनियां, जिनमें संबंधित धाराओं में कार्यवाही होकर ले-आउट प्लान स्वीकृत हो चुके हैं, इन कॉलोनियों के भूखण्डों के शेष पट्टे जारी करने पर शहरी सेवा शिविर को प्रथम कैम्प मानते हुए ब्याज में शत् प्रतिशत छूट दी जाएगी। अपंजीकृत दस्तावेजों से क्रय किए गए भूखण्डों में अंतिम क्रेता को भूखण्ड पट्टा देने पर शास्ती में शत् प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है। साथ ही, आवासीय प्रीमियम दरों में 100 वर्ग मीटर तक 25 प्रतिशत तथा 100 वर्ग मीटर से 200 वर्ग मीटर तक 15 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

शहरी सेवा शिविरों में आमजन को राहत देने तथा कार्य की गति बढ़ाने के लिए भी विभिन्न प्रावधान किए गए हैं। भवन निर्माण स्वीकृति, भू-उपयोग परिवर्तन, ले-आउट प्लान आदि में तकनीकी परीक्षण हेतु क्षेत्रफल के आधार पर सक्षम अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। आवासीय उपविभाजन/पुनर्गठन में भी क्षेत्रफल की 3 श्रेणियों में विभिन्न छूट का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में गैर/व्यवसायिक भू-उपयोग से व्यवसायी भू-उपयोग परिवर्तन में तथा निर्धारित भू-उपयोग से विभिन्न भू-उपयोग परिवर्तन में क्षेत्रफल के आधार पर तय की गई विभिन्न श्रेणियों में छूट दी जाएगी।

नगर पालिका अधिनियम के तहत धारा 69-ए के फ्री-होल्ड पट्टा शुल्क में 200 वर्ग मीटर तक 50 प्रतिशत तथा 200 वर्ग मीटर से अधिक व 500 वर्ग मीटर तक 40 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार भवन मानचित्र शुल्क में भी छूट का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत 500 वर्ग मीटर तक जी+1 की भवन निर्माण स्वीकृति में अनुमोदन शुल्क में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी। खांचा भूमि के आवंटन में छूट एवं सक्षमता भी दी जाएगी। निकाय के रिकॉर्ड में नामांतरण, मौका निरीक्षण की छूट एवं आवेदनों के सरलीकरण के संबंध में भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।

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