रिछेड़ में बैठे-बैठे कलक्टर ने ली नाथद्वारा के विशेषज्ञ चिकित्सक की निशुल्क ऑनलाइन सेवाएं

राजसमंद। जिले में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा ने कुंभलगढ़ उपखंड स्थित आयुष्मान आरोग्य केंद्र, रिछेड का दौरा कर ई-संजीवनी ओपीडी की कार्यप्रणाली की जांच की। इस दौरान उन्होंने स्वयं ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से टेली-परामर्श प्रक्रिया को परखा और आमजन को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक स्थिति का अवलोकन किया। इस दौरान एसडीएम साक्षी पूरी सहित चिकित्सालय के कार्मिक मौजूद रहे।
निरीक्षण के दौरान कलक्टर सीधे नाथद्वारा स्थित डॉक्टर अनुज से ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से ऑनलाइन कनेक्ट हुए। इस अवसर पर उपस्थित लाभार्थी कलक्टर ने अपनी समस्या डॉक्टर को बताई, जिस पर डॉक्टर ने तुरंत परामर्श देते हुए आवश्यक दवाइयां ऑनलाइन लिखीं। दवाइयों की पर्ची ई-संजीवनी प्रणाली के माध्यम से तुरंत उपलब्ध कराई गई, जिससे मरीज (कलक्टर) को बिना किसी देरी के उपचार का लाभ मिला।
जिला कलक्टर हसीजा ने कहा कि ई-संजीवनी ओपीडी ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए अत्यंत उपयोगी योजना है, जिससे लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं घर के नजदीक ही उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आयुष्मान आरोग्य केंद्रों पर ई-संजीवनी सेवाओं का अधिकतम प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक नागरिक इसका लाभ उठा सकें।
ई-संजीवनी पोर्टल का लाभ उठाएं :कलक्टर
ई-संजीवनी भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित एक राष्ट्रीय टेली-मेडिसिन सेवा है, जिसके माध्यम से नागरिक ऑनलाइन डॉक्टर से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए मरीज आयुष्मान आरोग्य केंद्र पर जाकर जरूरत के अनुसार विशेषज्ञ डॉक्टरों से जुड़ सकते हैं। ई-संजीवनी ओपीडी पर सामान्य बीमारियों के साथ-साथ फॉलो-अप परामर्श, दवा पर्ची और स्वास्थ्य सलाह निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
निरीक्षण के अंत में जिला कलेक्टर ने ई-संजीवनी सेवा से जुड़े स्टाफ के कार्य की सराहना की और कहा कि डिजिटल तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।
भारत सरकार की टेलीमेडिसिन सेवा है ई-संजीवनी:
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ई-संजीवनी राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत देश की स्वास्थ्य प्रणाली में मौजूद महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के उद्देश्य से की गई है। यह अभिनव डिजिटल प्लेटफॉर्म विशेष रूप से उन चुनौतियों का समाधान करता है, जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की सार्वभौमिक उपलब्धता में बाधा बनती रही हैं।
देश के अनेक क्षेत्रों में, विशेषकर ग्रामीण एवं दूरदराज़ इलाकों में, विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी एक बड़ी समस्या रही है। इसके कारण आमजन को समय पर परामर्श और उपचार नहीं मिल पाता। साथ ही प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं सीमित होने के कारण जिला अस्पतालों एवं तृतीयक चिकित्सा संस्थानों पर अत्यधिक भार पड़ता है, जिससे गंभीर रोगियों के उपचार में विलंब की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके अतिरिक्त प्राथमिक और द्वितीयक स्तर पर स्वास्थ्य अभिलेख (हेल्थ रिकॉर्ड) के व्यवस्थित निर्माण का अभाव भी समन्वित और प्रभावी उपचार में बाधा बनता रहा है।
ई-संजीवनी इन सभी चुनौतियों का समाधान करते हुए प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक निरंतर उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करती है, जिससे रोगियों को एकीकृत, समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
प्रदाता-से-प्रदाता के सिद्धांत पर सेवा:
इस मॉडल के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (पूर्व में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर आने वाले मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की सहायता से विशेषज्ञ डॉक्टरों से जोड़ा जाता है। ये विशेषज्ञ डॉक्टर द्वितीयक एवं तृतीयक स्वास्थ्य संस्थानों तथा मेडिकल कॉलेजों में स्थापित हब्स से परामर्श प्रदान करते हैं। यह व्यवस्था हब-एंड-स्पोक मॉडल पर आधारित है।
