कांग्रेस में बदलाव की बयार : कार्यकर्ताओं की राय से बनेगा नया जिलाध्यक्ष

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राजसमंद। करीब 25 साल बाद कांग्रेस में जिलाध्यक्ष चयन प्रक्रिया को लोकतांत्रिक ढंग से शुरू किया गया है। अबकी बार निर्णय नेताओं की सिफारिशों से नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं की राय से होगा। सोमवार को एआईसीसी पर्यवेक्षक एवं झारखंड सांसद सुखदेव भगत तथा पीसीसी पर्यवेक्षक डिम्पल राठौड़ ने राजसमंद पहुंचकर जिला व ब्लॉक स्तर की बैठकें लीं।

राजसमंद और रेलमगरा ब्लॉक से कुल 8 दावेदारों ने जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया, जिनमें काका-भतीजा की जोड़ी भी शामिल रही। वहीं नाथद्वारा ब्लॉक से 2 लोगों ने दावेदारी जताई। आवेदन प्रक्रिया के दौरान कुछ स्थानों पर शक्ति प्रदर्शन और हंगामा भी देखने को मिला। समर्थकों ने नारेबाजी कर अपना विरोध जताया, जिसके बाद स्थिति को शांत किया गया।

पर्यवेक्षक भगत ने कहा कि इस बार 25 से 65 वर्ष आयु वर्ग के कार्यकर्ताओं से राय लेकर छह नामों का पैनल बनाकर आलाकमान को भेजा जाएगा। 1991 में जिले के गठन के बाद अब तक कांग्रेस के पांच जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। इस बार की प्रक्रिया से कार्यकर्ताओं में उत्साह और बदलाव की नई उम्मीद देखी जा रही है।

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