RGHS घोटाला उजागर,पुलिस और शिक्षा विभाग के 17 सरकारी कर्मचारी निलंबित

भरतपुर। राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम में इलाज के नाम पर सरकारी धन के दुरुपयोग का बड़ा मामला सामने आया है। शासन सचिव वित्त के निर्देश पर कराई गई जांच में प्रथम दृष्टया 17 सरकारी कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग के 10 कर्मचारियों और पुलिस विभाग के 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित कर्मचारियों में महिलाएं भी शामिल हैं।
राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी जयपुर की रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद ने पुलिस विभाग में कार्रवाई की। रिपोर्ट में सामने आया कि कुछ पुलिसकर्मियों ने RGHS योजना के तहत फर्जी मेडिकल बिल बनवाए। दवाओं के नाम पर नकद राशि ली गई और किराना सामान तक खरीदा गया। इस गंभीर अनियमितता पर चार महिला कांस्टेबल सहित कुल सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।वहीं, अस्पतालों और फार्मेसी स्टोर्स की मिलीभगत पर भी शिकंजा कसते हुए चूरू के शिवम ड्रग स्टोर, सीकर के गुरु कृपा अस्पताल और न्यू इंडिया मेडिकल स्टोर समेत नागौर की एक सोसायटी पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
पुलिस विभाग से निलंबित किए गए कर्मचारियों में कांस्टेबल अंजू कुमारी, सत्यवती, योगेश कुमारी, प्रहलाद, जितेंद्र सिंह, मिथलेश और मनोज कुमार शामिल हैं।
इसी तरह शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक दलवीर सिंह ने जांच रिपोर्ट के आधार पर संभाग स्तर से 10 कर्मचारियों को निलंबित किया है। इनमें पांच महिला शिक्षक भी शामिल हैं। इससे पहले प्राथमिक शिक्षा विभाग के दो शिक्षकों को भी निलंबित किया जा चुका है, जिनमें से एक को न्यायालय से स्थगन आदेश मिला हुआ है।
शिक्षा विभाग से निलंबित कर्मचारियों में मनीषा कुमारी, रेखा गर्ग, मनोज कुमार जाट, शुभम कुमार, पुष्पेन्द्र सिंह, लाल सिंह, कृष्णा जाट, महेन्द्र यादव, प्रेमलता और अंजना सिंह के नाम शामिल हैं।प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि RGHS योजना में किसी भी तरह की गड़बड़ी या सरकारी धन के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जांच के बाद आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जांच में सामने आया कि इन शिक्षकों ने अपने आरजीएचएस कार्ड का इस्तेमाल परिवार के बजाय रिश्तेदारों, परिचितों और किराएदारों के इलाज के लिए किया। इससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा विभाग ने यह कार्रवाई की। राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सीईओ हरजीलाल अटल ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि किन निजी अस्पतालों में इस घोटाले को अंजाम दिया गया। दोषियों पर आगे और कड़ी कार्रवाई होगी।
