सिरोही फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र मामला:: अनियमितताओं की जाँच अब एसओजी करेगी; 7,600 से अधिक प्रमाण पत्र संदिग्ध

जयपुर/ - सिरोही जिले में साल 2019 से जनवरी 2024 के बीच दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने में हुई गंभीर अनियमितताओं के मामले की जाँच अब विशेष कार्यबल (Special Operations Group - SOG) को सौंप दी गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में एसओजी को प्रकरण दर्ज कर जाँच शुरू करने के लिए पत्र लिखा है।
चिकित्सा मंत्री ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस पूरे प्रकरण में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
संदिग्ध प्रमाण पत्रों का अंबार जाँच रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. राजेश कुमार के कार्यकाल (10 मार्च 2019 से 15 जनवरी 2024) में कुल 7,613 दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। इनमें से 5,177 प्रमाण पत्र तो केवल 'माइग्रेटेड आवेदनों' के आधार पर बनाए गए थे।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी प्रमाण पत्र केवल एक विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा जारी किए गए हैं, जो कि संदिग्ध और कूटरचित पाए गए हैं। इसके अलावा, कई प्रमाण पत्रों पर तत्कालीन CMHO डॉ. राजेश कुमार के हस्ताक्षर नहीं हैं, बल्कि उन पर डॉ. सुशील परमार के हस्ताक्षर पाए गए हैं।
CMHO के विरुद्ध दर्ज होगा प्रकरण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जाँच रिपोर्ट के आधार पर, तत्कालीन CMHO डॉ. राजेश कुमार के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक, एसओजी को प्रकरण भिजवाकर आगे की कार्रवाई के लिए लिखा गया है। मामले की जाँच के लिए पहले एक कमेटी गठित की गई थी, जिसके बाद अब इसे एसओजी को सौंपने का फैसला लिया गया है।
