गर्मी में बेजुबानों के लिए माधव यूनिवर्सिटी की संवेदनशील पहल: ‘पानी का एक बर्तन, जीवन की एक उम्मीद’

गर्मी में बेजुबानों के लिए माधव यूनिवर्सिटी की संवेदनशील पहल: ‘पानी का एक बर्तन, जीवन की एक उम्मीद’
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पिंडवाड़ा, सिरोही। जब तपती गर्मी से धरती झुलसने लगती है और जलस्रोत सूखने लगते हैं, तब इंसानों के साथ-साथ बेजुबान पक्षी और जानवर भी जीवनदायिनी बूंद-बूंद पानी को तरसते हैं। इसी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए माधव यूनिवर्सिटी के स्काउट-गाइड रोवर-रेंजर ग्रुप ने एक अनूठी और प्रेरणादायी पहल की — ‘पानी का एक बर्तन, जीवन की एक उम्मीद’।

इस अभियान के अंतर्गत छात्रों और स्टाफ को प्रोत्साहित किया गया कि वे अपने घर, छत या आसपास के खुले स्थानों पर स्वच्छ पानी से भरे बर्तन रखें, जिससे प्यासे पक्षियों और छोटे जीवों को राहत मिल सके। यह छोटा सा प्रयास न केवल जीवन बचाने वाला बन सकता है, बल्कि मानवीय करुणा का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।

अभियान में विशेष शिक्षा विभाग के छात्र-छात्राओं ने विशेष उत्साह के साथ भाग लिया। विभागाध्यक्ष डॉ. घनश्याम कुशवाहा की प्रेरणा से सहायक आचार्य मयंक अवस्थी, श्रेय खटक और अजय कश्यप भी सक्रिय रूप से जुड़े रहे सभी ने मिलकर इस सामाजिक मुहिम को सार्थक स्वरूप प्रदान किया।

कार्यक्रम का समन्वयन रोवर लीडर पठान तोफीक़ खान ने किया जिनके नेतृत्व में हर चरण पर सुव्यवस्थित रूप से कार्य किया गया। सहायक रोवर लीडर मनोज कुमार नागर और निरभान सिंह ने अभियान को सफल बनाने में भरपूर सहयोग दिया।

यह पहल न केवल पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत करती है, बल्कि भावी पीढ़ी में सामाजिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता जैसे मूल्य भी विकसित करती है। विद्यार्थियों ने अपने हाथों से बर्तन भरते हुए सिर्फ पानी नहीं रखा, बल्कि जीवों के प्रति अपनत्व और ममता भी उड़ेल दी।

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