माचिस की 1403 तीलियों पर लिखा सुंदरकांड, 730 बांस पट्टियों पर उकेरी गीता

जयपुर के वरिष्ठ कलाकार शंकर सिंह राजावत ने सूक्ष्म लेखन की दुर्लभ कला को एक नई पहचान देते हुए ऐसा अनूठा कार्य किया है, जिसने कला प्रेमियों को हैरान कर दिया। उन्होंने माचिस की कुल 1403 तीलियों पर सुंदरकांड को बेहद महीन अक्षरों में लिखकर एक विशेष आर्टवर्क तैयार किया। यह कला कृति जवाहर कला केन्द्र की सुदर्शन आर्ट गैलरी में लगी प्रदर्शनी में लोगों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बनी रही। प्रदर्शनी का समापन गुरुवार को हुआ।
शंकर सिंह राजावत का कहना है कि इतनी छोटी सतह पर लिखना बेहद चुनौतीपूर्ण था। माचिस की हर तीली पर अक्षरों को संवारने में अत्यधिक धैर्य और अभ्यास की जरूरत पड़ी। यह पूरा काम उन्होंने करीब एक महीने की मेहनत से तैयार किया। चूंकि विषय धार्मिक था, इसलिए उन्होंने लेखन के दौरान नियमों की पूरी पालना की और इसे आध्यात्मिक भाव से जोड़ा।
उनका एक और बड़ा आर्टवर्क श्रीमद् भगवद् गीता पर आधारित है। उन्होंने गीता के सभी 18 अध्यायों के 700 श्लोकों को 730 बांस के टुकड़ों पर उकेरा है। हर श्लोक के साथ उसका हिन्दी अर्थ भी लिखा गया है। इस परियोजना को पूरा करने में उन्हें लगभग आठ महीने का समय लगा। प्रदर्शनी में उनकी कई पेंटिंग्स भी प्रदर्शित की गईं, जिन्हें दर्शकों ने विशेष रूप से सराहा।
अगर चाहें तो मैं इसका छोटा संस्करण, बुलेट फॉर्मेट, या सोशल मीडिया पोस्ट भी तैयार कर दूं।
