नहीं रहीं सूरसागर की पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास, 'जीजी' के नाम से थीं मशहूर
जयपुर : पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता सूर्यकांता व्यास का बुधवार को निधन हो गया. 86 साल की उम्र में उन्होंने जोधपुर में आखिरी सांस ली. जोधपुर ही नहीं, बल्कि पूरे राजनीतिक गलियारों में सूर्यकांता व्यास को 'जीजी' के नाम से पुकारा जाता था. 23 फरवरी 1938 को जन्मी सूर्यकांता व्यास 1990 से लेकर लगातार सात बार विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं थीं, जिसमें 6 बार उन्हें जीत हासिल हुई थी. तीन बार उन्होंने जोधपुर का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया, तो तीन बार सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से हुए विधायक निर्वाचित हुईं. साल 2023 में सूर्यकांता व्यास को टिकट नहीं मिला था.
पार्षद से शुरू की थी राजनीतिक पारी : सूर्यकांता व्यास को हमेशा जोधपुर के विकास के लिए याद किया जाता रहेगा. उन्होंने सूर्य नगरी के विकास के लिए सालों तक खुद को समर्पित रखा. एक पार्षद के पद से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाली सूर्यकांता व्यास का सम्मान सभी राजनीतिक दलों में समान रूप से था. उन्होंने भैरों सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे जैसे नेतृत्व में काम किया, तो कांग्रेस शासित अशोक गहलोत सरकार में भी उन्हें जोधपुर के विकास के लिए बराबर का मौका मिला.
इन्होंने जताई संवेदना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए कहा कि भाजपा की वरिष्ठ नेता और सूरसागर, जोधपुर की पूर्व विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास जी (जीजी) के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को यह दुःख सहन करने का धैर्य व संबल प्रदान करें.
कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने लिखा है कि भाजपा की वरिष्ठ नेता और सूरसागर से पूर्व विधायक, हम सभी की आदरणीय सूर्यकांता व्यास (जीजी) के दुखद निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है. उनका योगदान न केवल भाजपा के लिए बल्कि समस्त समाज के लिए अमूल्य रहा है. उनके जाने से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसे भर पाना मुश्किल है. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी जीजी के निधन पर शोक जताया है.
अशोक गहलोत ने जताया दुख : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि सूरसागर से विधायक रहीं सूर्यकान्ता व्यास 'जीजी' का निधन बेहद बेहद दुखद है. 'जीजी' जीवन के इस दौर में भी सक्रियता से जनसेवा में जुटी रहीं. 'जीजी' का मेरे प्रति लगाव एवं स्नेह अद्वितीय था. उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति भी है. मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं.