फोन न उठाने की आदत पड़ी भारी, जोधपुर में डीसीपी अमित जैन को सीएम ने दिखाया बाहर का रास्ता!

पुलिस महकमे में इन दिनों हलचल मची हुई है। फोन न उठाने की पुरानी बीमारी अब कुछ पुलिस अधिकारियों को भारी पड़ रही है। ताजा मामला जोधपुर का है, जहाँ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के एक दौरे ने डीसीपी (पूर्व) अमित जैन की कुर्सी छीन ली। सूत्रों की मानें तो जनता और जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का अंबार लग गया था कि जैन साहब फोन उठाकर जवाब ही नहीं देते! और बस, सीएम साहब ने तुरंत एक्शन लेते हुए जैन को रातों-रात पद से हटा दिया।
एयरपोर्ट पर शिकायत, रात 8 बजे आदेश, और जैन गए!
5 सितंबर 2025 को जोधपुर दौरे पर पहुँचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हवाई अड्डे पर ही शिकायतों का पिटारा खुलते देखा। लोगों ने डीसीपी अमित जैन की कार्यशैली पर सवाल उठाए, खासकर उनकी फोन न उठाने की आदत को लेकर। जनप्रतिनिधियों ने भी इस बात को हवा दी कि जैन साहब का रवैया ठीक नहीं। नतीजा? रात 8 बजे पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा के निर्देश पर आदेश जारी हुआ, और डीसीपी अमित जैन को तत्काल प्रभाव से हटाकर APO (Awaiting Posting Order) कर दिया गया। यानी अब जैन साहब को नए पद की प्रतीक्षा करनी होगी। खास बात ये कि जब ये आदेश जारी हुआ, तब सीएम शर्मा एयरपोर्ट पर ही मौजूद थे!
क्या है पूरा माजरा?
सूत्र बताते हैं कि अमित जैन को 23 जुलाई 2025 को ही बालोतरा से जोधपुर कमिश्नरेट में डीसीपी (पूर्व) के पद पर लाया गया था। लेकिन उनका ये कार्यकाल महज 2 महीने का रहा, जो उनके करियर का सबसे छोटा कार्यकाल बन गया। जोधपुर में हाल ही में हुए कुछ घटनाक्रमों ने उनकी मुश्किलें बढ़ाईं। खासकर, पाल-गंगाणा क्षेत्र में पाक विस्थापितों के विकास कार्यों की मांग को लेकर हुए धरने में जैन की लापरवाही सुर्खियों में आई। जोधपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने उनसे अतिरिक्त जाब्ते की माँग की थी, ताकि धरना हटाया जा सके, लेकिन जैन ने कथित तौर पर इसकी अनदेखी की। नतीजतन, JDA के अधिकारियों और आम लोगों को भारी परेशानी हुई।
भीलवाड़ा में भी फोन न उठाने की शिकायतें
वैसे, ये बीमारी सिर्फ जोधपुर तक सीमित नहीं है। भीलवाड़ा और प्रदेश में भी कुछ पुलिसवाले फोन न उठाने की आदत के लिए बदनाम हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार जरूरी शिकायतों के लिए थाने के चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन फोन पर कोई जवाब नहीं मिलता। "थाने में फोन करें तो कोई सुनता ही नहीं। कई बार तो सीधे कहते हैं कि थाने आ जाओ, फिर बात होगी।"
सीएम का सख्त रुख, जनप्रतिनिधियों की सिफारिश भी बेकार
जोधपुर में सीएम के सामने कुछ जनप्रतिनिधियों ने जैन को बचाने की कोशिश की और कार्रवाई न करने का आग्रह किया, लेकिन भजनलाल शर्मा अपने सख्त तेवर में दिखे। उन्होंने साफ कर दिया कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। इस घटना ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। सूत्रों का कहना है कि ये कार्रवाई न सिर्फ जैन की कार्यशैली पर सवाल उठाती है, बल्कि उन सभी अधिकारियों के लिए चेतावनी है जो जनता की शिकायतों को हल्के में लेते हैं।
क्या होगा अब?
अमित जैन का ये तीसरा तबादला है, वो भी 7 महीने के भीतर! इससे पहले भी उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल उठ चुके हैं। अब देखना ये है कि जैन को अगला पद कब और कहाँ मिलता है। उधर, भीलवाड़ा में भी पुलिस अधिकारियों को इस घटना से सबक लेने की जरूरत है। जनता की शिकायतों का तुरंत जवाब देना और फोन उठाना अब उनकी प्राथमिकता में होना चाहिए, वरना जोधपुर की तरह यहाँ भी कोई बड़ा एक्शन हो सकता है!
