अगले सप्ताह बदलेगा मौसम का मिजाज, ठंड और कोहरे का असर बढ़ने के संकेत

अगले सप्ताह बदलेगा मौसम का मिजाज, ठंड और कोहरे का असर बढ़ने के संकेत
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जयपुर |राजस्थान में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आ रहा है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव के कारण उत्तरी हवाएं कमजोर पड़ गई हैं, जिससे प्रदेश के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसका असर यह रहा कि कई जिलों में सुबह और शाम की सर्दी से लोगों को कुछ राहत मिली है। पाली, करौली, उदयपुर, अजमेर सहित अनेक शहरों में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान में इजाफा दर्ज किया गया, जिससे ठंड की तीव्रता कम महसूस की गई।

मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार 21 दिसंबर तक प्रदेश में मौसम की स्थिति लगभग इसी तरह बनी रहेगी। इस दौरान तापमान में हल्का उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है। दिन और रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं रहेगा और लोगों को ठंड से आंशिक राहत मिलती रहेगी। हालांकि इसके बाद मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। विभाग ने 22 और 23 दिसंबर को प्रदेश के 10 जिलों में घने कोहरे और शीतलहर की संभावना को देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया है।

शुक्रवार को दिन के समय प्रदेश के अधिकांश जिलों में मौसम साफ रहा। तेज धूप निकलने के कारण अधिकतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। बाड़मेर में प्रदेश का सबसे अधिक अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं पिछले 24 घंटों में सबसे ठंडे इलाकों की बात करें तो सीकर जिले का फतेहपुर और सिरोही का माउंट आबू सबसे ठंडे रहे, जहां न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ का असर अगले तीन दिनों तक बना रह सकता है। इसके चलते पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में 22 दिसंबर तक बादल छाए रहने की संभावना है। बादलों की आवाजाही के कारण रात के तापमान में गिरावट नहीं हो पा रही है और न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क बना रहेगा और बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 24 दिसंबर से प्रदेश में एक बार फिर तापमान में गिरावट शुरू हो सकती है। उत्तरी हवाओं के तेज होने से ठंड बढ़ेगी और रात के साथ साथ सुबह के समय भी सर्दी का असर ज्यादा महसूस होगा। खासकर उत्तर और पूर्वी राजस्थान के जिलों में कोहरे का प्रभाव देखने को मिल सकता है। इससे दृश्यता कम होने की आशंका है, जिसका असर सड़क और रेल यातायात पर भी पड़ सकता है।

ग्रामीण इलाकों में ठंड बढ़ने का असर खेती पर भी दिखाई देने लगा है। किसान वर्ग मौसम की चाल पर नजर बनाए हुए है। विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल फसलों के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है, लेकिन यदि शीतलहर तेज होती है तो रबी की फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका भी रहेगी। ऐसे में किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

शहरों में बदलते मौसम का असर आम जनजीवन पर भी साफ दिख रहा है। दिन में धूप निकलने से लोग राहत महसूस कर रहे हैं, जबकि रात के समय ठंड बनी हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में इस तरह के उतार चढ़ाव के दौरान बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सुबह और देर रात बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों का उपयोग जरूरी है।

कुल मिलाकर प्रदेश में फिलहाल ठंड से थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन यह राहत ज्यादा दिनों तक टिकने वाली नहीं है। मौसम विभाग के संकेतों के अनुसार आने वाले दिनों में कोहरा और शीतलहर एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकती है। ऐसे में प्रशासन और आम लोगों दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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