जयपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी, झुंझुनूं से आरोपी गिरफ्तार

जयपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी, झुंझुनूं से आरोपी गिरफ्तार
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जयपुर। सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को सोमवार दोपहर बम से उड़ाने की धमकी मिलने से प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस, बम निरोधक दस्ता (बीडीएस) और डॉग स्क्वॉड मौके पर पहुंची और पूरे परिसर में गहन तलाशी अभियान चलाया गया। हालांकि तलाशी में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।

डीसीपी (दक्षिण) राजर्षि राज ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 12:30 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने सीएमओ को बम से उड़ाने की धमकी दी। इस पर तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई और सीएमओ परिसर में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। सुरक्षा को देखते हुए सीएमओ के सभी प्रवेश द्वारों पर चौकसी बढ़ा दी गई।

तकनीकी टीम ने निकाला लोकेशन

जांच के दौरान पुलिस की तकनीकी टीम ने कॉलर की लोकेशन झुंझुनूं जिले में ट्रेस की। तुरंत झुंझुनूं पुलिस को सूचना भेजी गई और गुढ़ा थाना क्षेत्र के बड़ागांव निवासी सांवरमल सैनी (50) को हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ के बाद उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।

नशे की हालत में दी धमकी

प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपी को नशे की लत है और उसने नशे की हालत में ही यह कॉल की। पुलिस जांच में यह भी पता चला कि सांवरमल झुंझुनूं के बीड़ स्थित एक आश्रम में एक संत के पास रहता है। उसके खिलाफ वर्ष 2011 में गुढ़ागौड़जी थाना क्षेत्र में चोरी का मामला भी दर्ज हो चुका है।

पुलिस की सतर्कता और तलाशी अभियान

धमकी मिलते ही मौके पर पहुंची बम निरोधक दस्ता ने सीएमओ के हर हिस्से की तलाशी ली। डॉग स्क्वॉड ने भी परिसर के भीतर और बाहर हर जगह जांच की, लेकिन कुछ संदिग्ध बरामद नहीं हुआ। इसके बावजूद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं और कॉल की पृष्ठभूमि में किसी और की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।

पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां

गौरतलब है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री कार्यालय को धमकी भरे कॉल और संदेश मिल चुके हैं, जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया था। इस ताजा मामले ने एक बार फिर प्रशासन की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई की क्षमता की परीक्षा ली।

आगे की कार्रवाई

पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी ने धमकी किसी व्यक्तिगत कारण, मजाक, या किसी और के कहने पर दी थी। आरोपी का नशे की हालत में होना और पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड होना, मामले को और गंभीर बना देता है। फिलहाल आरोपी को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा ताकि उससे विस्तृत पूछताछ की जा सके।


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