मेडिकल स्टोर संचालक को अगवा कर लूटपाट की वारदात का खुलासा, तीन बदमाश गिरफ्तार
देवली , टोंक कमलेश वैष्णव। करीब 20 दिन पहले केकड़ी के एक मेडिकल स्टोर संचालक को अगवा कर लूट की वारदात को अंजाम देने वाले तीन बदमाशों को देवली पुलिस ने दबोच लिया।
पुलिस उपाधीक्षक रामसिंह जाट ने बताया कि गत 29 मार्च की देर शाम राजमहल निवासी व केकड़ी में मेडिकल स्टोर चलाने वाला जितेंद्र पाराशर केकड़ी से बाइक पर अपने गांव जा रहा था। इस बीच सुनसान जगह पर कार सवार लोगों ने उसकी बाइक को टक्कर मारी तथा इलाज कराने का बहाना कर पीडि़त जितेंद्र पाराशर की आंख में मिर्ची डाल दी और उसका अपहरण कर लिया। आरोपियों ने युवक को अपहरण करने के बाद चाकू की नोक पर नकदी, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, सोने के आभूषण लूट लिए तथा उस पर कई जगह चाकू से हमले किए। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। करीब 25 से 30 किलोमीटर युवक को कार में घूमाने के बाद आरोपी पीडि़त को हनुमान नगर थाना क्षेत्र के बारला पोल्या गांव में पटक कर चले गए थे। इस वारदात को लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की। अथक प्रयास के बाद इस वारदात का खुलासा करते हुये पुलिस ने बताया कि गैंग का सरगना राजकुमार उर्फ पिंटू पुत्र रामप्रसाद मीणा निवासी श्रीनगर रानीपुरा, बिलासपुर थाना नगरफोर्ट है। इसके विरूद्ध सांगानेर, नगरफोर्ट, मेहंदवास में भी कई आपराधिक मामले दर्ज है। सरगना राजकुमार अपहरण व फिरौती की कई वारदात कर चुका है। इसी तरह पुलिस ने दिलखुश गुर्जर पुत्र अर्जुन लाल गुर्जर निवासी खरबूजा महल के पास बनेठा हाल सुरेली थाना बनेठा तथा गोवर्धन उर्फ गोधा पुत्र गोपाल जाट निवासी सोलापुर, थाना टोडारायसिंह जिला केकड़ी को गिरफ्तार किया है। जबकि रमेश पुत्र संपत मीणा निवासी श्रीनगर रानीपुरा, बिलासपुर थाना नगरफोर्ट फिलहाल फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।
लग्जरी लाइफ के लिए करते हैं अपराध
देवली थाना प्रभारी राजकुमार नायक ने बताया कि 29 मार्च को ये सभी आरोपी टोडारायसिंह की ओर किसी कार्यक्रम में खाना खाने गये थे। शाम को खाने के बाद वे टोंक के लिए निकले। इस दौरान उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि ये सभी युवक आराम व लग्जरी लाइफ जीने के लिए इस तरह की वारदात करते हैं।
300 से 400 सीसी टीवी कैमरों की फुटेज खंगाली
अधिकारियों नायक ने बताया कि बदमाशों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने करीब 300 से 400 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। टोडारायसिंह, देवली, उनियारा, टोंक, जहाजपुर, केकड़ी, सरवाड़, सावर समेत नजदीकी जगह पर इस तरह की अपराधिक प्रवृत्ति वाले 300 से 400 लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी। तब जाकर पुलिस इन आरोपियों तक पहुंच सकी।