अरावली को बचाने व जनजातीय लोगों की जमीनों का अवैध खरीद-फरोख्त का उठाया मुद्दा

उदयपुर । राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने गुरुवार को राज्यसभा में स्पेशल मेंशन नियम के माध्यम से अरावली पर्वत श्रृखंलाओं को बचाने और जनजातीय लोगों की जमीनों का अवैध तरीकेसे खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठाया।

चुन्नीलाल गरासिया ने सरकार से मांग की कि उदयपुर संभाग जनजाति बहुल एवं अतिप्राचीन अरावली पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है। यहाँ की अधिकांश आबादी कृषि, वनोपज और पशुपालन पर निर्भर है। पिछले कुछ वर्षों से यहाँ जनजातीय जमीनों की अवैध तरीके से डमी व्यक्तियों के नाम पर खरीद-फरोख्त हो रही है, जबकि सरकारी नियमों के अनुसार यह अवैध है। साथ ही, अरावली पर्वतों की अंधाधुंध कटिंग हो रही है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। उदाहरण स्वरूप उन्होने उदयपुर के सीसारमा कोडियात, ढीकली, अंबेरी, चीरवा, उमरड़ा, कैलाशपुरी, डाकनकोटड़ा, डेडकिया, काया और नोहरा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर काटे जा रहे पहाड़ों का जिक्र किया।

उन्होने भारत सरकार से मांग की कि उदयपुर संभाग के शेडयूल्ड टी. एस. पी. क्षेत्र में जनजातीय जमीनों की बेनामी खरीद-फरोख्त रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं, ताकि अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के ईको-सिस्टम को बचाया जा सके एवं जनजातीय लोगों को उनके हक का लाभ मिल सके।


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