पशुपालकों ने जानी हरे चारे को संरक्षित करने की विधियां

उदयपुर। राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित त्रिदिवसीय आवासीय पशुपालक प्रशिक्षण कार्यक्रम में डूंगरपुर एवं उदयपुर के पशुपालकों ने वर्षा के मौसम में उनके पास उपलब्ध अतिरिक्त हरे चारे को वर्ष पर्यन्त काम मे लेने की दृष्टि से उसे संरक्षित करने की अनेक विधियों की जानकारी प्राप्त की।

प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. सूर्य प्रकाश त्रिवेदी ने पशुपालको से अपेक्षा की कि वे प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान को अपने तक ही सीमित न रख कर अन्य पशुपालकों को भी जानकारियां देकर लाभान्वित करें। संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालकों के क्षेत्र में व्याप्त नवीनतम तकनीकों को अपनाने से ही हम इस व्यवसाय से समुचित आय अर्जित कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते है।

डॉ. सुरेश शर्मा ने पशुपालकों को उपलब्ध कराई गई औषधि कीट की सम्पूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि समुचित उत्पादन प्राप्त करने के लिए अन्तः एवं बाह्य कृमि औषधियों का समय समय पर उपयोग करते रहना चाहिए। डॉ. पदमा मील ने पशुओं को उपलब्ध कराई जाने वाले आहार की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की बात कही। पशुपालकों को डॉ. विजय माने, डॉ. प्रफुल्ल माथुर, पन्नालाल शर्मा, डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी, डॉ. पदमा मील एवं डॉ. सुरेश शर्मा ने प्रशिक्षण की विशेष जानकारियां दी।

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