गमेर बाग धाम में आज होगा सभी तपस्वियों का सामूहिक पारणा, निकलेगी विशाल शोभायात्रा

गमेर बाग धाम में आज होगा सभी तपस्वियों का सामूहिक पारणा, निकलेगी विशाल शोभायात्रा
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उदयपुर, । गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुलक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के तहत दस लक्षण धर्म, पर्युषण पर्व के मंगलवार को अंतिम दसवें दिन ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की।

चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा, पुष्कर जैन भदावत, दिनेश वेलावत व कमलेश वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि सोमवार को गमेेर बाग धाम में बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज के सान्निध्य में दशलक्षण पर्व के तहत

महावीर प्रसाद देवड़ा ने बताया कि श्रावक-श्राविकाओं ने पूर्ण भक्ति भाव के साथ 24 तीर्थंकर ,10 लक्षण धर्म ,16 कारण पूजा ,भक्तामर पूजा के साथ-साथ आज वासु पूज्य भगवान के मोक्ष कल्याण अवसर पर निर्वाण पूजा करते हुए वासुदेव भगवान को मोक्ष फल अर्पित किया। सभी धर्म प्रेमियों और मुनी भक्तों ने 24 तीर्थंकरों की पूरे भक्ति भाव और उमंग के साथ आरती उतारकर अनंत चतुर्दशी का पर्व धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर गमेर बाग धाम में सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं ने एक दूजे से क्षमायाचना करते हुए जाने-अंजाने में हुई गलतियों पर क्षमा मांगी।

- आज होगा सभी तपस्वियों का सामूहिक पारणा

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत ने बताया कि बुधवार सुबह अभिषेक शांतिधारा, दस लक्षण विधान पुजन होगी। उसके बाद थालोड़ी गमेर बाग मुख्य गेट से स्वर लहरियों के बीच मुख्य पाण्डाल तक लाई जाएगी। उसके बाद सभी तपस्वियों की शोभायात्रा निकाली जाएगी जो गमेर बाग धाम से नेमिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 14 जाएगी। शोभायात्रा पुन: गमेर बाग आकर दोनों गुरुदेव का पारणा कराया जाएगा। उसके बाद गुरुदेव द्वारा सभी तपस्वियों का सामूहिक पारणा कराया जाएगा। वहीं सकल दिगम्बर जैन समाज का भव्य स्वामीवात्सल्य का आयोजन होगा।

चातुर्मास समिति के भंवरलाल गदावत ने बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने प्रवचन में उत्तम ब्रह्मचर्य आत्म में रमन करने का सर्व दुनिया से अपना ध्यान हटाकर निज में लीन हो जाना पर की तरफ से दृष्टि हटाकर स्व की तरफ कर लेना इस प्रकार से इन दस दिनों में आत्मा को उत्कर्षता तरफ ले जाने का अभ्यास करना और अपना कल्याण करना। संक्षेप में इस दसलक्षण पर्व का भाव अपने जीवन में परिवर्तन लाना नित प्रति बुराईयों का त्याग करना अच्छाई को ग्रहण करना आत्म तत्व का विकास करना और विकृति का विनाश करना विश्व कल्याण की भावना रखना।

कार्यक्रम का संचालन लोकेश जैन जोलावत ने किया। इस अवसर पर अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, विजयलाल वेलावत, पुष्कर जैन भदावत, महावीर देवड़ा, दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत, भंवरलाल गदावत, सुरेश पद्मावत, देवेन्द्र छाप्या, ऋषभ कुमार जैन, कांतिलाल देवड़ा, मंजु गदावत, सुशीला वेलावत, बसन्ती वेलावत, भारती वेलावत, शिल्पा वेलावत, अल्पा वेलावत सहित सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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