धर्म की प्राप्ति नहीं होने के कारण ही जीव अनादिकाल से संसार में दु:खी : आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर

धर्म की प्राप्ति नहीं होने के कारण ही जीव अनादिकाल से संसार में दु:खी : आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर
X

उदयपुर । श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में तपोगच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ में रामचन्द्र सुरिश्वर महाराज के समुदाय के पट्टधर, गीतार्थ प्रवर, प्रवचनप्रभावक आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर आदि ठाणा द्वारा चातुर्मास काल के दौरान महाभारत पर प्रतिदिन प्रवचन दिए जा रहे है। महाभारत के हर एक किरदार ने समाज को क्या दिशा निर्देश दिया उसके बारे में विस्तार से व्याख्या कर श्रावकों का मन मोह लिया है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि बुधवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे संतों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई।

नाहर ने बताया कि गुरुवार को आयोजित धर्मसभा में आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर ने महाभारत पर आधारित चातुर्मासिक प्रवचन में कहा कि धर्म की प्राप्ति नहीं होने के कारण ही यह जीव अनादिकाल से संसार में दु:खी हो रहा है। हरिभद्रसूरिजी महाराज ने हमें इस दु:खमय संसार से बाहर निकालने के लिए तीन उपाय बताए है। जिसमें उन्होंने हमे बहुमान पूर्वक साधु भगवंतों की भक्ति करनी चाहिए। जगत के सभी प्राणियों के प्रति मैत्री भाव रखना चाहिए एवं संसार के पदार्थ में ममत्व मान का त्याग करना चाहिए। इन तीन उपायों को जो धारण करता है वह धीरे-धीरे सभी प्रकार के अकार्यों से बचते हुए, सदाचार में स्थिर होता है और आगे बढ़ कर वह सर्वविरति धर्म तक पहुँच जाता है। इन तीन उपायों को आत्मसात् करने के लिए सबसे पहले अकार्यों से बचने की भावना होनी चाहिए, आत्महित करने की तमन्ना होनी चाहिए तथा सदाचारों को अपनाने की तत्परता होनी चाहिए। इनके बिना जीवन में इन तीन उपायों पर अमल कर पाना संभव नहीं है। धर्म की रुचि जागे, धर्म पाने की तमन्ना पैदा हो तभी यह संभव हो सकता है। जैसे आप कोई चीज खरीदने जाते है तो जब तक आपको पसंद न आये तब तक आप उसे खरीदने की इच्छा नहीं होती।

इस अवसर पर कार्याध्यक्ष भोपालसिंह परमार, कुलदीप नाहर, अशोक जैन, प्रकाश नागोरी, सतीस कच्छारा, राजेन्द्र जवेरिया, चतर सिंह पामेचा, चन्द्र सिंह बोल्या, हिम्मत मुर्डिया, कैलाश मुर्डिया, श्याम हरकावत, अंकुर मुर्डिया, बिट्टू खाब्या, भोपाल सिंह नाहर, अशोक धुपिया, गोवर्धन सिंह बोल्या सहित सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

Next Story