अवैध खनन और क्रेशर के मलबे के डंपिंग यार्ड से परेशान ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

अवैध खनन और क्रेशर के मलबे के डंपिंग यार्ड से परेशान ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन
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उदयपुर, । शहर से सटे डाकन कोटड़ा और नेला क्षेत्र में खनन, के्रशर और गिट्टी के अवैध डंपिंग यार्ड के कारण उत्पन्न समस्याओं को लेकर परेशान ग्रामीणों ने शुक्रवार को खान विभाग के अभियंता आसिफ अंसारी को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीण तुलसीराम डंागी ने बताया कि ग्राम नेला और डाकन कोटड़ा के 20 से अधिक किसानों ने परेशान होकर ज्ञापन के माध्यम से खान विभाग के अधिकारियों से कहां कि अवैध खनन, क्र्रेशर और गिट्टी के मलबे के कारण न केवल हमारे कृषि कार्यों पर, बल्कि हमारे जीवनयापन और पर्यावरण पर भी गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। डाकन कोटड़ा और नेला, जो सदियों से उर्वर कृषि भूमि और हरे-भरे प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्रसिद्ध हैं, इन अवैध गतिविधियों के कारण अब बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं। हमारे क्षेत्र में बोर का तालाब है, जिसमें प्राकृतिक जल निकासी के माध्यम से जल आता है और निकासी व्यवस्था के माध्यम से तालाब से बाहर बहता है। लेकिन खनन पट्टों और क्रेशर मालिकों द्वारा किए जा रहे अवैध मलबे और गिट्टी के मलबे के कारण इस तालाब को अब एक अवैध डंपिंग यार्ड बना दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप तालाब में प्राकृतिक जल प्रवाह अवरुद्ध हो गया है, जिससे हमारी भूमि जलभराव और प्रदूषण का शिकार हो रही है। ग्रामीणों ने कहां कि यह अवैध डंपिंग न केवल हमारे कृषि कार्यों के लिए हानिकारक है बल्कि हमारे मवेशियों के लिए भी खतरनाक है। आए दिन गाय, भैंस, और अन्य मवेशी इस कचरे में फंस जाते हैं, जिससे उनकी मृत्यु तक हो जाती है। यह हमारे पशुधन और हमारी आजीविका के प्रति एक गंभीर संकट है।

ग्रामीणों ने खान विभाग के अभिंयता को ज्ञापन सौंपते हुए विशेष निवेदन किया कि इन अवैध खनन और क्रशर के मलबे के डंपिंग यार्ड को तुरंत रोका जाए और इस पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। तालाब और जल निकासी प्रणाली को पुन: स्थापित किया जाए ताकि जल प्रवाह बहाल हो सके और तालाब को मलबे से मुक्त किया जा सके। क्षेत्र की सडक़ों और पगडंडियों को साफ करवाया जाए ताकि आवागमन में सुविधा हो और मवेशियों को सुरक्षित किया जा सके। ज्ञापन देने वालों में ज्ञापन देने वालों में तुलसीराम डांगी, तेजराम, गणेशलाल डांगी, नारायणलाल, लोकेश डांगी सहित 20 से अधिक किसान मौजूद रहे।

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