गमेर बाग धाम में चातुर्मासिक धर्मसभा में उमड़ रहा है सकल दिगम्बर जैन समाज

गमेर बाग धाम में चातुर्मासिक धर्मसभा में उमड़ रहा है सकल दिगम्बर जैन समाज
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उदयपुर, । सितम्बर। गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुल्लक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के आयोजन की धूम जारी है।

चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा, दिनेश वेलावत व कमलेश वेलावत एवं जैन युवा परिषद उदयपुर युवा परिषद के अध्यक्ष रविश मुण्डलिया ने बताया कि गमेर बाग धाम में बालयोगी युवासंत मुनि श्रुतधरनन्दी महाराज ससंघ के सानिध्य में 9 दिवसीय भव्य नवरात्रि पाश्र्व पद्मावती महामंडल विधान, पद्मावती माता की गोद भराई एवं गरबा महोत्सव के तहत बुधवार को विविध आयोजनों के तहत पूजा-अर्चना की, उसके बाद चैत्यालय की प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक, महाशांतिधारा एवं ध्वजा रोहण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। दोपहर 2 बजे से पद्मावती माता की गोद भाराई का कार्यक्रम आयोजित हुआ। शाम को 7 बजे आनन्द यात्रा एवं आरती का आयोजन हुआ। उसके बाद सभी श्रावक-श्राविकाओं द्वारा गरबा खेला गया।

कार्यक्रम संयोजक राजेश गदावत, विक्रमदेवड़ा, विजय गदावत, जितेंद्र जोलावत, भूपेन्द्र मुंडफोडा व रितेश बोहरा ने बताया कि तीन अलग-अलग राउण्ड में पारम्परिक रूप से गरबा खेला गया। रात्रि को दैवी मॉ की आरती के पश्चात वाद्य यंत्रों व परम्परागत लोक कलाकारों की मधुर स्वर लहरियों पर गरबा रास प्रारंभ हुआ जिसमे महिलाए पुरूष व बच्चे आकर्षक परिधानों में सजधज कर देर रात्रि तक इसका जम कर आनंद उठाया। डांडिया महोत्सव के दौरान विजेता प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार के साथ-साथ सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने कहा कि दूसरों की चालाकियों को समझना दुनियादारी है,अपने मन की चालाकियों को समझना आध्यात्मिकता है। जितना ज्यादा हम दुसरो की चालाकियों को समझते जायेगे हम दुनियादारी में माहिर होते जायेगे। हमारी यह महानता हमारे मन में उतनी ही तकलीफ पैदा करती जाती है।साथ साथ हमारे मन में सवालो का ढ़ेर भी लगा देती है, लेकिन कभी उन सवालो के जवाब ढूढ़ नही पाती है। वही जितना ज्यादा हम अपने मन की चालाकियों को समझते जायेगे, हमारी आध्यात्मिकता बढ़ती जायेगी। हम ऐसे क्यों है।

इस अवसर पर अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, विजयलाल वेलावत, पुष्कर जैन भदावत, महावीर देवड़ा, नितिन कोठारी, लोकेश जोलावत] जीतेश खलुडिया, दिलीप चावंडिया, विनोद गुनावत, रितेश गुनावत अभिषेक देवड़ा, सतीश जोलावत, दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत, भंवरलाल गदावत, सुरेश पद्मावत, देवेन्द्र छाप्या, ऋषभ कुमार जैन, भंवरलाल देवड़ा, मंजु गदावत, लक्ष्मी देवड़ा, सीता देवड़ा, जयश्री देवड़ा, अल्का भदावत, लक्ष्मी सिंघवी, सुशीला वेलावत, बसन्ती वेलावत, भारती वेलावत, शिल्पा वेलावत, अल्पा वेलावत सहित सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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