डीएपी खाद की कमी के चलते कृषकों को वैकल्पिक उत्पाद इस्तेमाल करने की सलाह

उदयपुर, । देश में डीएपी खाद की कमी के चलते तथा आगामी रबी की फसल की बुवाई सीजन के मद्देनजर कृषि विभाग ने किसानों को वैकल्पिक उत्पाद इस्तेमाल करने की सलाह दी है। संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) सुधीर वर्मा ने बताया कि विभिन्न कारणों से इस वर्ष देश में डीएपी की कमी के चलते अन्नदाता रबी की फसल की बुवाई में वैकल्पिक उत्पाद सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) तथा एनपीके मिश्रण (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश) का इस्तेमाल कर सकते है। वर्मा ने बताया कि अन्नदाता डीएपी हेतु परेशान न होकर वैकल्पिक उर्वरक का इस्तेमाल कर सकते है। उदयपुर में एसएसपी की करीब दस उत्पादन इकाइयां है। समस्त अनुज्ञाधारी विक्रेताओं को पर्याप्त मात्रा में स्टॉक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।

क्या है एसएसपी उर्वरक के लाभ

वर्मा ने बताया कि एसएसपी एक फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें 16 प्रतिशत फास्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पायी जाती है। इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण यह उर्वरक तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिये डीएपी उर्वरक की अपेक्षा अधिक लाभदायक होता है। एसएसपी उर्वरक का उत्पादन राज्य में होने के कारण आसानी से उपलब्ध है। एक बैग डीएपी की कीमत में तीन बैग एसएसपी खरीदे जा सकते हैं। तीन बैग एसएसपी से मिलने वाले पोषक तत्वों का मूल्य लगभग 1900/- होता है, जो एक बैग डीएपी में मिलने वाले पोषक तत्वों के मूल्य 1350/- से अधिक है। एसएसपी के साथ यूरिया का उपयोग कर फसल बुवाई के समय आवश्यक नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं सल्फर पोषक तत्वों की पूर्ति कम लागत में ही आसानी से की जा सकती है।

एनपीके ग्रेड्स उर्वरकों के उपयोग द्वारा संतुलित पोषण

वर्मा के अनुसार नाइट्रोजन, फॉस्फोरस व पोटाश मुख्य पोषक तत्व है। फसलों में संतुलित पोषण के लिए डीएपी के बजाय एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश) ग्रेड उर्वरक अधिक उपयुक्त है।

मृदा की उर्वरा क्षमता बनाये रखने एवं फसल का समुचित उत्पादन लेने हेतु मृदा परीक्षण के आधार पर की गयी अनुशंषा एवं फसल अवस्था अनुसार उपयुक्त ग्रेड के एनपीके उर्वरक का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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