बुढ़ापे में पुत्र, गरीबी में पत्नी ओर मुसीबत में दोस्त की पहचान होती है: बालयोगी मुनि श्रुतधरनंदी

बुढ़ापे में पुत्र, गरीबी में पत्नी ओर मुसीबत में दोस्त की पहचान होती है: बालयोगी मुनि श्रुतधरनंदी
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उदयपुर, । गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुल्लक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के आयोजन की धूम जारी है।

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने कहा कि जीवन में पैसे की तरह रिश्तों की भी सारसंभाल करना सीख लो। दोनों को कमाना बहुत कठिन है लेकिन गंवाना बहुत आसान है। एक चुभते शब्द से बरसों का प्रेम नफरत में बदल जाता है। जो रिश्तों को संभालना सीख गया वह नाथ बनने के मार्ग पर आगे बढ़ गया। जो इस मार्ग पर आगे बढ़ेगा वह कभी न कभी नाथ बनेगा ही। बुढ़ापे में पुत्र की, गरीबी में पत्नी की ओर मुसीबत में दोस्त की पहचान होती है। भगवान कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की मिसाल आज भी दी जाती है। छल-कपट कर कभी रिश्ते आगे नहीं बढ़ सकते है।

इस अवसर पर अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, विजयलाल वेलावत, पुष्कर जैन भदावत, महावीर देवड़ा, दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत, भंवरलाल गदावत, रविश जैन, सुरेश पद्मावत, देवेन्द्र छाप्या, ऋषभ कुमार जैन, भंवरलाल देवड़ा, मंजु गदावत, लक्ष्मी देवड़ा, सीता देवड़ा, जयश्री देवड़ा, अल्का भदावत, लक्ष्मी सिंघवी, सुशीला वेलावत, बसन्ती वेलावत, भारती वेलावत, शिल्पा वेलावत, अल्पा वेलावत राजेश गदावत, विक्रमदेवड़ा, विजय गदावत, जितेंद्र जोलावत, भूपेन्द्र मुंडफोडा, रितेश बोहरा, नितिन कोठारी, लोकेश जोलावत, जीतेश बोहरा, राकेश पंचोली, कल्पेश मुंडलिया, लोकेश देवड़ा, मुकेश गदावत, जीतेश खलुडिया, दिलीप चावंडिया, विनोद गुनावत, रितेश गुनावत अभिषेक देवड़ा, सतीश जोलावत, सहित सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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