बांसवाड़ा का हृदय स्थल तलवाड़ा पर भूमि उपयोग परिवर्तन पूर्वानुमान पर किया शोध कार्य ट्रांजैक्शंस ऑफ द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जियोग्राफर्स में प्रकाशित

उदयपुर, । बांसवाड़ा जिले के तलवाड़ा ब्लॉक में भूमि उपयोग में आए बदलावों को समझने और पूर्वानुमान लगाने के लिए किया गया शोध कार्य ट्रांजैक्शंस ऑफ द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जियोग्राफर्स में प्रकाशित किया गया है। यह कार्य विरांच दवे और डॉ दीक्षा दवे ने किया। विरांच वर्तमान में गुजरात के महाराजा सयाजीराव बड़ौदा विश्वविद्यालय में भूगोल में पीएचडी स्कॉलर हैं, जबकि डॉ दीक्षा दवे वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में पर्यावरण विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर हैं और एमएलएसयू व जीजीटीयू के पूर्व प्रोफेसर एवं कुलपति डॉ इंद्रवर्धन त्रिवेदी की बेटी भी हैं। अध्ययन में 1999 से 2021 तक के भूमि उपयोग में हुए परिवर्तन का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल किया गया जबकि आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करके वर्ष 2031 के लिए पूर्वानुमान लगाया गया है। लेखकों ने अपने अध्ययन के माध्यम से भूमि उपयोग पैटर्न के बारे में स्थानीय लोगों की जागरूकता के बारे में जानने की कोशिश की। पूर्वानुमान मॉडल के अनुसार भविष्य में खेती और निर्माण गतिविधियों के तहत भूमि क्षेत्र का विस्तार होगा। बंजर भूमि और खनन में कमी आने की उम्मीद है।

लोगों की धारणा के परिणाम बताते हैं कि भविष्य में पर्यटन बढ़ सकता है। स्थानीय लोगों के बीच किए गए सर्वे से पता चलता है कि यहां पानी का संकट नहीं होगा, हालांकि पूर्वानुमान मॉडल के परिणाम नदियों के कुछ हिस्सों के सूखने को दर्शाते हैं। चूंकि तलवाड़ा ब्लॉक बांसवाड़ा का हृदय स्थल है, इसलिए इसका विकास निश्चित रूप से बांसवाड़ा क्षेत्र के विकास के लिए सकारात्मक होगा। इसलिए इस अध्ययन से प्लानर्स को तलवाड़ा ब्लॉक की खूबियों और कमजोरियों पर काम करने में मदद मिलेगी।

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