गमेर बाग धाम में चातुर्मासिक धर्मसभा में उमड़ रहा है सकल दिगम्बर जैन समाज

गमेर बाग धाम में चातुर्मासिक धर्मसभा में उमड़ रहा है सकल दिगम्बर जैन समाज
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उदयपुर । गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुल्लक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के आयोजन की धूम जारी है। श्रावक-श्राविकाओं ने सभी क्रिया के बाद जल, दूध इक्षु रस, नारियल, रस, दही, सर्व ओशोधी चंदन, पुष्पवर्षा, पूर्ण कलश एवम दूध से अभिषेक किया गया।

चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा एवं पुष्कर जैन भदावत ने बताया कि गमेर बाग धाम में भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण दिवस महोत्सव को धूमाधाम से मनाया गया। जैन समाज के 23 परिवारों ने भगवान महावीर का निर्वाण लड्डू चढ़ाया गया। प्रात: 7 बजे पंचामृत अभिषेक एवं शांति धारा की गई इसके पश्चात को लड्डू चढ़ाया गया। पंचामत अभिषेक एवं शांति धारा की बोली ली गई। निर्वाण पूजा करके लड्डू को चढ़ाया गया भगवान महावीर के सम्मुख पावापुरी के जल मंदिर की तरह पदम सरोवर की रचना की गई जिसमें लोगों ने दीपदान कर दीप उत्सव मनाया बनाया गया।

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने कहा कि किस्मत और अपनो पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए ये किसी भी वक्त पलट सकते है इसलिए खुद पर और खुद की खुदी पर ही विश्वास करना श्रेष्ठ है और किसी पर भी नहीं । ये दुनिया ये धन दौलत किस्मत के नजारे है आज जहां तुम हो वहां कल कोई और है यही दूनिया का एक जिन्दा दौर है। ढूढऩा है तो खयाल करने वाला ढूढो क्यूंकि...आपका इस्तेमाल करने वाले तो खुद आपको ढूढ़ लेगे।

इस अवसर पर अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, विजयलाल वेलावत, पुष्कर जैन भदावत, महावीर देवड़ा, दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत, भंवरलाल गदावत, रविश जैन, सुरेश पद्मावत, देवेन्द्र छाप्या, ऋषभ कुमार जैन, भंवरलाल देवड़ा, मंजु गदावत, लक्ष्मी देवड़ा, सीता देवड़ा, जयश्री देवड़ा, अल्का भदावत, लक्ष्मी सिंघवी, सुशीला वेलावत, बसन्ती वेलावत, भारती वेलावत, शिल्पा वेलावत, अल्पा वेलावत राजेश गदावत, विक्रमदेवड़ा, विजय गदावत, जितेंद्र जोलावत, भूपेन्द्र मुंडफोडा, रितेश बोहरा, नितिन कोठारी, लोकेश जोलावत, जीतेश बोहरा, राकेश पंचोली, कल्पेश मुंडलिया, लोकेश देवड़ा, मुकेश गदावत, जीतेश खलुडिया, दिलीप चावंडिया, विनोद गुनावत, रितेश गुनावत अभिषेक देवड़ा, सतीश जोलावत, सहित सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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