बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज संघ का पिच्छी परिवर्तन एवं चातुर्मास निष्ठापन कार्यक्रम सम्पन्न

बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज संघ का पिच्छी परिवर्तन एवं चातुर्मास निष्ठापन कार्यक्रम सम्पन्न
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उदयपुर,। ऐतिहासिक धर्म नगरी उदयपुर के गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुलक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में चल रहे चातुर्मास के तहत ररिवार को भव्य पिच्छी परिवर्तन एवं चातुर्मास निष्ठापन कार्यक्रम का धूमधाम से आयोजन हुआ।

चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा व पुष्कर भदावत ने बताया कि गमेर बाग धाम पर आयोजित पिच्छी परिवर्तन समारोह में हजारों श्रावक-श्राविकाओं से खचाखच भरे सभागार में जब मुनि संघ का पदारपण हुआ तो मानो एकाएक श्रुतधरनंदी महाराज संघ के जयकारों से पूरा सभागार गुंज उठा और जयकारें लगाते हुए श्रावकों ने मुनि संघ को अपनी हथेलियों पर चलाकर मंच तक पंहुचाया। नैवेद्या व नक्षत्रा ने सुन्दर मंगलाचरण की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। वहीं मुनि संघ के स्वागत मेें पलक-पावड़े बिछाए मौजूद हजारों श्रावक-श्राविकाएं जयकारें लगाते रहे। इस दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज उदयपुर, झाड़ोल, सराड़ा, इंदौर, सेमारी, देवपुरा, गींगला, उदयपुर, जयपुर, दिल्ली, मुम्बई सहित देशभर से श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।

कार्यक्रम का आगाज नवकार महामंत्र के मंगलाचरण से हुआ। उसके बाद आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 11 की नन्ही-नन्ही बालिकाओं द्वारा रंंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। उसके बाद सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, विजयलाल वेलावत, सुरेश पद्मावत, सेठ शांतिलाल गदावत, भंवरलाल मुण्डलिया, देवेन्द्र छाप्या, लक्ष्मीलाल बोहरा, महावीर देवड़ा, पुष्कर भदावत, भवंरलाल गदावत, महावीर सिंघवी आदि ने भगवान के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। शाही लवाजमें के साथ आचार्य कुंथुसार महाराज, बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज संघ के समक्ष अक्षत व अर्घ चढ़ाया गया।

कार्यक्रम शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल, उप महापौर पारस सिंघवी, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, प्रशासनिक अधिकारी जतिन गांधी बतौर अतिथि मौजूद रहे।

चातुर्मास समिति के पुष्कर जैन भदावत रविवार को प्रात:काल की वेला में मुनि संघ के सानिध्य में गमेर बाग धाम में बिराजित मूलनायक भगवान का पंचामृत अभिषेक एवं शांतिधारा हुई। उसके बाद पिच्छी परिवर्तन कार्यक्रम में पाद प्रक्षालन जैन समाज के विभिन्न संगठनों की ओर से शास्त्र भेंट, दीप प्रज्ज्वलन, चित्र अनावरण किया गया।

विभिन्न मंदिरों ने आगामी चातुर्मास के लिए श्रीफल भेंट

इस अवसर हुमड़ भवन सकल दिगम्बर समाज, सेक्टर 14 के सकल दिगम्बर जैन समाज, नेमिनाथ मंदिर सेक्टर 14, पद्मप्रभु मंदिर पायड़ा, सकल दिगम्बर जैन समाज सविना, हिरण मगरी सेक्टर 14 हिरामन टावर के पदाधिकारियों की ओर से आगामी चातुर्मास के लिए श्रीफल भेंट किया गया।

- तीनों पिच्छियों का हुआ परिवर्तन

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत ने बताया कि पिच्छी परिवर्तन में बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज को नवीन पिच्छीका भेंट करने एवं पुरानी पिच्छिका प्राप्त करने का सौभाग्य शांतिलाल-सुशीला देवी वेलावत परिवारा को, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज की पिच्छी पुष्कर जैन-अलका भदावत एवं क्षुलक सुप्रभात सागर महाराज की पिच्छी मंजू देवी भंवरलाल-गदावत परिवार द्वारा परिवर्तन कराई गई। श्रावकों द्वारा थाल में सजाई हुई पिच्छी को जब मुनि संघ के समक्ष भेंट की तो भजनोंं पर झुमते-गाते एवं मुनि संघ के जयकारें लगाते हुए वातावरण को गुंजायमान कर दिया।

चातुर्मास समिति के दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत, हेमेन्द्र वेलावत, भंवरलाल गदावत ने बताया कि भव्य पिच्छी परिवर्तन एवं चातुर्मास निष्ठापन कार्यक्रम में आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज ने कहां कि संयम साधना के पथ पर चलने वाला जीवन की मंजिल को प्राप्त कर सकता है। जीवन में भटकाने वाले कई आएंगे लेकिन हमे अपना लक्ष्य नहीं भूलना चाहिए और हमेशा संयम साधना से खुद को जोड़े रखना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी जीवन शैली जिनशासन के अनुरूप हो इसके लिए प्रयास करना चाहिए। सौभाग्यशाली जिनके पास धन है वह स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है है। महाभाग्य शााली धन भी है, स्वास्थय भी अच्छा रहता है व धर्म भी है। दुर्भाग्यशाली जिसके पास धन नहीं, स्वास्थ्य नहीं है व धर्म भी नहीं है वह आदमी दुर्भाग्यशाली है। संसार मे डूबोने वाले बहुत मिल जाएगें लेकिन संसार से तराने वाले सिर्फ गुरु ही है। मुंह में राम और बगल में छूरी ऐसे लोगों से सावधान व दूर ही रहे। दूसरों को जलते दुख खुश नहीं होना दूसरों का सुख देखकर खुश होना ही मानव जीवन का सार है। कार्यक्रम का संचालन लोकेश जोलावत ने किया। इस इस दौरान सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे। इस अवसर पर कांतिलाल देवड़ा, रोशनलाल देवड़ा, महावीर सिंघवी, बंशीलाल देवड़ा, हीरालाल मालवी, सुशीला देवी, बसंती देवी वेलावत, मंजू देवी गदावत, अलका भदावत, लक्ष्मी देवी देवड़ा, सीता देवी देवड़ा, लक्ष्मी देवी सिंघवी, जयश्री देवड़ा सहित सकल जैन समाज के श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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