बिरसा मुण्डा नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को दिलाई क्रांतिकारियों की याद

उदयपुर । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा भगवान बिरसा मुण्डा के 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय जनजाति महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को बिरसा मुण्डा के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति बिरसा मुण्डा का मंचन शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत तथा विशिष्ठ अतिथि उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा एवं डॉ. रजनी रावत थे।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि दो दिवसीय राष्ट्रीय जनजाति महोत्सव के अंतिम दिन बिरसा मुण्डा के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति बिरसा मुण्डा का मंचन किया गया। इस नाटक के लेखक सतीश दवे तथा परिकल्पना एवं निर्देशन राजकुमार रायकवार ने किया। संगीत अभिषेक दुबे द्वारा किया गया। यह नाटक रामकृष्ण रिपरटायर कल्चरल एंड सोशल सोसाइटी की 25 दिवसीय प्रस्तुतिपरक नाट्य कार्यशाला के अंतर्गत तैयार किया गया। अबुआ दिशुम अबुआ राज (बिरसा मुण्डा) एक ऐसे सामान्य व्यक्ति की कहानी है जो अपने समाज अपने देश के लिए क्रांतिकारी काम करके स्वयं भगवान के रूप में प्रतिष्ठापित हो जाता है। वनवासी के रूप में बिरसा मुंडा ने जिस तरह का कार्य किया है निश्चित रूप से एक सामान्य आदमी की संवेदनाओं से परे का कार्य है। हैजा, चेचक जैसी बीमारियों के बीच भी समाज की सेवा करना और उसी के साथ अपने जल जंगल और जमीन के लिए शक्तिशाली राज्य से सामना करना महत्वपूर्ण कार्यों में से है।

कलाप्रेमियों ने इस नाटक तथा उसके पात्रों द्वारा किए गए अभिनय को सराहा। अंत में सभी कलाकारों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर केन्द्र के उपनिदेशक (कार्यक्रम) पवन अमरावत, अधीक्षण अभियंता सी.एल. सालवी, कार्यक्रम अधिशाषी हेमंत मेहता आदि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के सहायक निदेशक (वित्तीय एवं लेखा) दुर्गेश चांदवानी ने किया।

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